सभासद ने खोली कमीशनबाजी का पोल
सभासद सलाम ने कहा, “मऊ नगर पालिका में कोई भी टेंडर सीधा नहीं निकलता। पहले वह मंत्री जी के ‘दरबार’ में पहुंचता है। वहां से पास होने के बाद ही कुछ होता है। 70% ठेके मंत्री, उनके भाई और खास लोगों को ही दिए जाते हैं।” उन्होंने आरोप लगाया कि ठेकेदेारों का चयन भी जाति और पहुंच देखकर होता है — “बलिया, देवरिया, आजमगढ़ से आए ऊंची जाति के भूमिहार-पंडित ठेकेदार ही ठेके उठाते हैं।” कटाक्ष भरे लहजे में उन्होंने पूछा, “तो क्या हम सभासद यहां केवल हाथ उठाने के लिए बैठे हैं?” उन्होंने चुनौती देते हुए जोड़ा — “जो कुछ भी कहा, वह 100% सच है। मंत्री जी से पूछ लीजिए।”सियासी तीर सीधे नगर विकास मंत्री ए.के. शर्मा, परिवार और उनके करीबियों पर छोड़े गए। सवाल उठने लगे हैं कि क्या मऊ नगर पालिका में टेंडर जाति और पहुंच के आधार पर बांटे जा रहे हैं?