जिलाधिकारी के निर्देश पर गठित तीन सदस्यीय जांच टीम ने प्रेमा यादव पर ₹21,152 के सरकारी खाद्यान्न के गबन की पुष्टि की। इसके साथ ही, निरीक्षण के दौरान वह अक्सर अनुपस्थित पाई गईं। जिला कार्यक्रम अधिकारी अजीत सिंह ने बताया कि जांच में यह भी सामने आया कि प्रेमा यादव केंद्र नियमित रूप से नहीं खोलती थीं। वह महीने में केवल दो से तीन दिन ही केंद्र संचालित करती थीं और राशन वितरण की व्यवस्था भी नहीं करती थीं।
इसके अलावा, वह अपने कार्यक्षेत्र में न रहकर ससुराल दोहरीघाट ब्लॉक के नई बाजार में निवास कर रही थीं, जो नियमानुसार अनुचित है। प्रशासन द्वारा उन्हें कई बार अपनी सफाई पेश करने का अवसर दिया गया, लेकिन हर बार उनका उत्तर असंतोषजनक पाया गया। सभी साक्ष्यों और रिपोर्ट के आधार पर डीएम ने उन्हें तत्काल प्रभाव से सेवा से बर्खास्त करने का आदेश जारी किया है।