1.खुद को सारे सिस्टम और सारी दुनिया से ऊपर समझते हैं
ट्रंप एक सेल्फ-मेड ब्रांड हैं। वे वाशिंगटन की पारंपरिक राजनीति को “Deep State” कहते हैं और बार-बार न्यायपालिका, मीडिया और संसद को बेवजह की रुकावट बताते हैं। उनकी शैली टॉप-डाउन है और वे मानते हैं कि जो वह कहते हैं वही क़ानून है। 2.डोनाल्ड ट्रंप ने पूरे अमेरिका में तानाशाही कर रखी है
डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका में पत्रकारों को “fake news” कह कर बदनाम किया और जजों व न्यायपालिका पर हमला किया। अपने पहले कार्यकाल के बाद हारने पर कैपिटल हिल दंगा (6 जनवरी 2021) के लिए उकसाया और कई सरकारी संस्थाओं में अपनों की नियुक्ति कर सत्ता का केंद्रीयकरण किया। वहीं कार्यकारी आदेशों के ज़रिए संसद को नजरअंदाज किया।
3.डोनाल्ड ट्रंप ने कई देशों पर धौंस जमाई
ईरान के साथ परमाणु समझौता तोड़ा और सख्त पाबंदियाँ लगाईं। वहीं चीन से ट्रेड वॉर, टैरिफ और Huawei जैसे कंपनियों पर प्रतिबंध लगाया। वहीं मैक्सिको में बॉर्डर वॉल और इमिग्रेशन धमकी मामला उनकी निरंकुशता की मिसाल हैं। साथ ही उत्तर कोरिया पर पहले धमकियों और फिर “दोस्ती” के जरिए दबाव बनाया। वहीं जर्मनी, कनाडा: नाटो फंडिंग पर उनका रुख मनमाना रहा।
4. भारतीयों को बेड़ियों में भारत भेजा और टैरिफ लगाया
डोनाल्ड ट्रंप ने भले ही भारत के साथ मजबूत दोस्ती का दावा किया हो, लेकिन उनके कार्यकाल में कई बार ऐसे कदम उठाए गए जो विरोधाभासी रहे। एक ओर जहां उन्होंने सार्वजनिक मंचों पर भारत को रणनीतिक साझेदार बताया, वहीं दूसरी ओर उन्होंने अमेरिका में रह रहे कई भारतीय अवैध प्रवासियों को हथकड़ियों और बेड़ियों में वापस भारत भेजा। साथ ही ट्रंप प्रशासन ने भारत से आयात होने वाले कई उत्पादों पर टैरिफ बढ़ा दिए और GSP (जनरलाइज्ड सिस्टम ऑफ प्रेफरेंसेज़) की सुविधा भी खत्म कर दी, जिससे भारतीय व्यापार को बड़ा झटका लगा।
5.डोनाल्ड ट्रंप ने कई देशों की जंग का एक तरफा समर्थन किया
सऊदी अरब: यमन युद्ध में समर्थन। इज़राइल: फिलिस्तीन मुद्दे पर एकतरफा पक्ष। अफगानिस्तान: युद्ध को औपचारिक रूप से नहीं रोका। सीरिया: सीमित बमबारी के आदेश।
6.डोनाल्ड ट्रंप ने कई देशों पर हमला किया
ईरान: जनरल कासिम सुलेमानी की बगदाद में ड्रोन हत्या। सीरिया: कैमिकल अटैक के जवाब में मिसाइल स्ट्राइक। अफगानिस्तान: ड्रोन स्ट्राइक्स बढ़ाए गए।
इराक: ISIS ठिकानों पर लगातार हमले किए।
7.आसिम मुनीर को बुला कर ईरान पर हमला किया
डोनाल्ड ट्रंप ने 18 जून 2025 को व्हाइट हाउस में पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर को बुलाया था। ट्रंप ने कहा कि पाकिस्तान ईरान को अच्छी तरह समझता है, वे इस बारे में चिंतित हैं। व्हाइट हाउस की स्पोक्सपर्सन अन्ना केली के अनुसार, एक प्रमुख कारण यह था कि जनरल मुनीर ने ट्रंप को “भारत‑पाकिस्तान के युद्ध को टालने” की भूमिका के लिए नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामांकित करने की बात कही थी। मुनीर व्हाइट हाउस से लौटे और उधर अमेरिका ने ईरान पर हमला कर दिया।
8. डोनाल्ड ट्रंप ने कई देशों पर टैरिफ लगाया
चीन: सैकड़ों अरब डॉलर के सामान पर टैरिफ। यूरोपीय यूनियन: स्टील और एल्युमिनियम पर टैरिफ। तुर्की: आर्थिक प्रतिबंधों और टैरिफ की चेतावनी।
9.ट्रंप ने कई देशों में जंग खत्म करने का दावा किया
अफगानिस्तान: तालिबान से डील और सैनिक वापसी की घोषणा।
उत्तर कोरिया: “नो न्यूक्लियर वॉर” समझौते की बात। सीरिया: कुछ सैनिकों की वापसी। भारत पाकिस्तान संघर्ष ।(भारत ने इसका खंडन किया)। हालांकि हकीकत में इनमें से कई जंगें चालू ही रहीं।
10. डोनाल्ड ट्रंप ने 17 इमिग्रेशन जज हटाए
डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने एक बड़ा फैसला लेते हुए अमेरिका के 10 राज्यों में कार्यरत 17 इमिग्रेशन जजों को अचानक बर्खास्त कर दिया। इन जजों की नियुक्ति पिछले कुछ वर्षों में हुई थी और ये हजारों अप्रवासी मामलों की सुनवाई कर रहे थे। संघ ने इस निर्णय की आलोचना करते हुए कहा कि इससे न्यायिक प्रक्रिया पर असर पड़ेगा और पहले से ही लंबित पड़े लगभग 35 लाख केसों में और देरी होगी। इस कार्रवाई को ट्रंप की सख्त इमिग्रेशन नीति और न्यायपालिका पर नियंत्रण बढ़ाने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है।
मनमानी और दबंगई के बाद चाहते हैं नोबेल पुरस्कार
बहरहाल इन सबके बावजूद डोनाल्ड ट्रंप नोबेल पुरस्कार लेना चाहते हैं और ट्रंप ने सार्वजनिक मंचों पर कई बार कहा भी है कि उन्हें उत्तर कोरिया, इज़राइल-अरब शांति समझौते, और तालिबान डील जैसी कोशिशों के लिए नोबेल मिलना चाहिए। वे खुद की तुलना बराक ओबामा से करते हैं, जिन्हें राष्ट्रपति बनने के एक साल के अंदर शांति पुरस्कार मिला था। हालांकि नोबेल कमेटी ने अब तक ट्रंप को यह सम्मान नहीं दिया।