टीबी मुक्त भारत : आदिवासी बहुल क्षेत्र में 125 गांव टीबी मुक्त, टीबी पहचान करने 3.50 लाख संदिग्धों की स्क्रीनिंग
मध्य प्रदेश के 23 जिले में अभियान शुरू किया गया। इसमें खंडवा जिला भी शामिल है। खंडवा में अब तक 3.50 लाख संदिग्धों की स्क्रीनिंग की गई है। 125 गांव टीबी मुक्त का दावा है। अभियान के दौरान 1134 नए टीबी मरीजों की पहचान
आदिवासी बहुल क्षेत्र में टीबी की पहचान के लिए स्क्रीनिंग करते स्वास्थ्य कर्मचारी
केंद्रीय मंत्रालय देशभर में टीबी मुक्त भारत अभियान शुरू किया है। मध्य प्रदेश के 23 जिले में अभियान शुरू किया गया। इसमें खंडवा जिला भी शामिल है। खंडवा में अब तक 3.50 लाख संदिग्धों की स्क्रीनिंग की गई है। 125 गांव टीबी मुक्त का दावा है। अभियान के दौरान 1134 नए टीबी मरीजों की पहचान
प्रदेश के 23 जिलों में टीबी मुक्त भारत अभियान में खंडवा भी शामिल हुआ। जिले में टीबी पहचान करने 3.50 लाख संदिग्धों की स्क्रीनिंग की गई। पहली बार गांव-गांव में हैंड हेल्ड एक्सरे मशीन से टीबी पहचान की गई। आदिवासी बहुल क्षेत्र के 125 गांव टीबी मुक्त हो गए। इसमें से दूसरी स्क्रीनिंग के दौरान टीबी के एक भी मरीज नहीं मिलने से 25 गांव सिलवर की श्रेणी में शामिल करने का प्रस्ताव भेजा है। स्क्रीनिंग के दौरान गांव-गांव में पहली बार हैंड हेल्ड एक्सरे मशीन पहुंची। इसे देखने वालों की भीड़ जमा हो गई। इस दौरान 20376 खांसी के सैंपल (नॉट टेस्ट) लिए गए।
1400 रेगुलर मरीजों का इलाज
अभियान के दौरान 34208 उच्च जोखिम जनसंख्या के एक्स-रे किए गए। इसमें 1134 नए टीबी मरीजों की पहचान की गई। आइसीएमआर में जांच के बाद पुष्टि होने पर इलाज शुरू किया गया। 1400 रेगुलर मरीजों का इलाज के साथ फालोअप किया जा रहा है। खालवा के शिवराम कोरकू ने बताया कि गांव में इस तरह की पहली बार मशीन से जांच हुई। कई साल से बीमारी ठीक नहीं हो रही थी। अस्पताल से दवा लेने के बाद आराम मिलने लगा है। पोषण आहार के साथ एक हजार रुपए भी मिला है।
दूसरे चरण की भी मजबूत शुरुआत
दूसरे चरण में अब तक 1 लाख 26 हजार 390 की स्क्रीनिंग। इसमें 3692 एक्स-रे जांच और 2516 खांसी के सैंपल (नॉट टेस्ट) लिए जा चुके हैं। इस बार 252 नए टीबी के मरीज मिले हैं। नोडल अधिकारी डॉ शक्ति सिंह राठौर ने पीएचसी, सीएचसी समेत हेल्थ सेंटरों पर स्वास्थ्य कर्मचारी जांच कर रहे हैं। इसमें आशा कार्यकर्ताओं के साथ निक्षय मित्रों की अहम भूमिका है।
अधिकारी, कर्मचारी, व्यापारी, डॉक्टर बने निक्षय मित्र
टीबी मुक्त भारत अभियान में मरीज की पहचान के बाद शासन की ओर से एक हजार रुपए के साथ फूड बास्केट दिया जा रहा है। मरीजों की मदद के लिए निक्षय मित्र बनाए गए। जिला प्रशासन ने मूंदी क्षेत्र में सीएसआर मद से मरीजों को छह माह के लिए पोषण आहार दिए जाने की व्यवस्था बनाई है। निक्षय मित्र बनने के लिए अधिकारी, व्यापारी समेत सामाजिक संगठन, डाॅक्टर, नर्सिंग होम संचालक आदि आगे आए।
फैक्ट फाइल
377803 संदिग्धों की स्क्रीनिंग का लक्ष्य। 3 93604 संदिग्धों की स्क्रीनिंग की गई। 20376 की खांसी का लिया सैंपल (नॉट टेस्ट) । 1134 नए टीबी मरीजों की पहचान की गई।
1962 टीबी मरीजों को फूड बास्केट वितरित किया।
1400 मरीजों का रेगुलर इलाज
एक्सपर्ट व्यू : डॉ शक्ति सिंह राठौर , नोडल, जिला अस्पताल यदि किसी को लगातार 15 दिन तक खखार आ रही। कमजोरी के साथ थकान है। शाम को पसीना आता है। जिला अस्पताल, सीएचसी, पीएचसी और सीएचओ से जांच कराएं। टीबी की पुष्टि होने पर घबराएं नहीं। अस्पताल में नि:शुल्क दवाएं मिलेंगी। इलाज से बीमारी ठीक हो जाएगी। साफ पानी का सेवन करें। 1400 मरीजों का रेगुलर इलाज चल रहा हैै।
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