पुलिस उपायुक्त (पूर्व) आलोक श्रीवास्तव ने बताया कि प्रकरण में माता का थान थाने में पदस्थापित कांस्टेबल नृसिंगराम, राकेश पूनिया, लादूराम व जगमालराम जाट को गिरफ्तार किया गया। इससे पहले चारों को निलंबित कर विभागीय जांच के आदेश दिए गए। चारों आरोपियों को को सुरक्षा के बीच कोर्ट में पेश किया, जहां से उन्हें दो-दो दिन रिमाण्ड पर भेजने के आदेश दिए गए। आरोपियों से दो लाख रुपए और साढ़े आठ लाख रुपए की 8,600 क्रिप्टो करेंसी बरामद करने के प्रयास किए जा रहे हैं। इन आरोपियों के साथ कांस्टेबल ऋषभ भी था। जो कार्रवाई की भनक लगने के बाद से फरार हो गया। इस प्रकरण में थानाधिकारी की लापरवाही भी सामने आई है जिसकी भी जांच कराई जा रही है।
कॉल कर कहा, थाने के कैमरे बंद कराओ
सभी कांस्टेबल मानजी का हत्था मॉल के बाहर कार में आए थे। कार एक कांस्टेबल की है। दिलीप व रमेश को उन्हीं की कार में थाने लेकर रवाना हुए थे। एक कांस्टेबल साथ लाई कार में पहले थाने निकल गया था। पीछे से साथी सिपाही ने उसे फोन कर कहा था कि थाने के सीसीटीवी कैमरे बंद कर दो। जिस पर कैमरे बंद कर दिए गए थे। जो वारदात के दौरान बंद थे। पुलिस यह भी जांच कर रही है कि कैमरे कितनी देर बंद थे।
पहले मुकरे बाद में किया स्वीकार
परिवादी दिलीप गौड़ ने परिवाद सौंपकर सिपाहियों के इस प्रकरण की जानकारी दी। इस पर चारों कांस्टेबल को हिरासत में लिया। पहले तो चारों मुकर गए, लेकिन फिर इन्होंने दो लाख रुपए अवैध वसूलना कबूल किया। आरोपी कांस्टेबलों ने दिलीप से मोबाइल छीनकर पासवर्ड लिया। फिर अपने परिचित को कॉल कर उससे क्यूआर कोड मंगवाया। फिर उसे स्कैन कर साढ़े आठ लाख रुपए की 8,600 क्रिप्टो करेंसी ट्रांसफर कर हड़प ली थी।