Rghs: बनी सहमति…मरीजों को राहत, निजी अस्पतालों में बंद नहीं होगा कैशलेस इलाज
राज्य के निजी अस्पताल राजस्थान गर्वनमेंट हैल्थ स्कीम (आरजीएचएस) के तहत मंगलवार से कैशलेस इलाज बंद नहीं करेंगे। सोमवार को चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की प्रमुख शासन सचिव गायत्री राठौड़ से वार्ता के बाद यह निर्णय लिया गया।
विकास जैन Jaipur Rghs: राजस्थान गवर्नमेंट हैल्थ स्कीम (आरजीएचएस) के तहत निजी अस्पतालों ने सरकार से वार्ता के बाद भले ही 15 जुलाई से कैशलेस इलाज बंद नहीं करने का निर्णय लिया हो, लेकिन राज्य के कई निजी अस्पतालों ने पहले ही इस सुविधा से हाथ खींच लिए हैं। कारण-लंबे समय से लंबित भुगतान, तकनीकी खामियां और पुनर्भरण की अटकी फाइलें। राज्य के हजारों पेंशनर्स और सरकारी कर्मचारी कैशलेस इलाज की सुविधा बंद होने के बाद स्वयं खर्च उठाकर इलाज करवा रहे हैं। इससे उन्हें दोहरी मार झेलनी पड़ रही है-पहली, जेब से पैसा भरने की और दूसरी, महीनों तक पुनर्भरण की प्रतीक्षा करनी पड़ रही है।
राज्य के निजी अस्पताल राजस्थान गर्वनमेंट हैल्थ स्कीम (आरजीएचएस) के तहत मंगलवार से कैशलेस इलाज बंद नहीं करेंगे। सोमवार को चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की प्रमुख शासन सचिव गायत्री राठौड़ से वार्ता के बाद यह निर्णय लिया गया। बैठक में सहमति बनी कि 31 मार्च 2025 तक के लंबित दावों का भुगतान 31 जुलाई 2025 तक करने का प्रयास किया जाएगा। बजट की उपलब्धता के अनुसार 45 से 60 दिनों के बीच भुगतान किए जाने का प्रयास किया जाएगा। योजना के विभिन्न प्रावधानों एवं प्रक्रियाओं को सुगम बनाने के लिए एक एसओपी बनाई जाएगी। न्यूनतम दस्तावेज प्रोटोकॉल अपनाया जाएगा।
पोर्टल की तकनीकी खामियां
योजना का पोर्टल भी परेशानी का कारण बना हुआ है। अस्पतालों और मरीजों को दस्तावेज अपलोड करने में दिक्कतें आ रही हैं। कई बार इलाज की पात्रता वाले मरीजों का नाम पोर्टल पर अप्रूव नहीं होता, जिससे इलाज प्रभावित होता है। अनुमोदन की प्रक्रिया जटिल और धीमी है। गंभीर अवस्था में भी मरीजों को बार-बार भर्ती रहने के लिए स्वीकृति जारी करवानी पड़ रही है। गौरतलब है कि योजना को कुछ समय पहले ही वित्त विभाग से चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के पास हस्तांतरित किया गया है।
बकाया भुगतान जल्द करने की मांग
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन, जयपुर मेडिकल एसोसिएशन, प्राइवेट हॉस्पिटल एंड नर्सिंग होम्स सोसायटी, उपचार और एचपीआई सहित मेडिकल कॉलेजों, निजी और कॉरपोरेट अस्पतालों के प्रतिनिधियों ने आरजीएचएस के अंतर्गत कार्यरत निजी अस्पतालों ने कैशलेस स्वास्थ्य सेवाओं के लिए राज्य सरकार को सुझाव प्रस्तुत किए गए हैं। इसमें 31 मार्च 2025 तक प्रस्तुत सभी लंबित क्लेम का यथाशीघ्र भुगतान करना, 45-दिन का भुगतान चक्र बनाए रखने, न्यूनतम दस्तावेज़ी प्रोटोकॉल मॉडल 90 दिनों में लागू करने सहित अन्य सुझाव शामिल हैं।
चार से छह महीने तक के बिल बकाया
जयपुर सहित कोटा, जोधपुर, अजमेर, अलवर जैसे जिलों में दर्जनों निजी अस्पतालों ने भुगतान अटकने पर आरजीएचएस योजना के तहत कैशलेस इलाज रोक रखा है। कई अस्पतालों के मुताबिक, चार से छह महीने तक के बकाया बिल सरकार की ओर से लंबित हैं। अस्पताल संचालकों का तर्क है कि बार-बार मांगे जाने के बावजूद भुगतान नहीं हो रहा, जिससे अस्पतालों का संचालन प्रभावित हो रहा है। पेंशनर्स को जेब से भुगतान पर पुनर्भरण भी नहीं मिल पा रहा।
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