मुख्य न्यायाधीश श्रीवास्तव को अब मद्रास हाईकोर्ट का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया है, जबकि न्यायाधीश श्रीचंद्रशेखर को बॉम्बे हाईकोर्ट और न्यायाधीश अरुण मोंगा को दिल्ली हाईकोर्ट में स्थानांतरित किया गया है। इन तीनों न्यायाधीशों की राजस्थान हाईकोर्ट में सेवाओं को लेकर रेफरेंस में सम्मान के साथ विदाई दी जाएगी।
संजीव शर्मा लेंगे शपथ
इसी दिन सुबह 10 बजे जोधपुर में मुख्य न्यायाधीश श्रीवास्तव, पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट से लौटे न्यायाधीश संजीव प्रकाश शर्मा को शपथ दिलाएंगे। यह समारोह राजस्थान हाईकोर्ट परिसर में आयोजित किया जाएगा।
मुख्य न्यायाधीश के आर श्रीराम लेंगे शपथ
वहीं, राजस्थान हाईकोर्ट के नवनियुक्त मुख्य न्यायाधीश के आर श्रीराम को सोमवार शाम 4 बजे जयपुर स्थित राजभवन में शपथ दिलाई जाएगी। वर्तमान में वे मद्रास हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्यरत हैं। उनके स्थान पर मुख्य न्यायाधीश श्रीवास्तव को मद्रास हाईकोर्ट भेजा गया है। इस बदलाव के साथ राजस्थान हाईकोर्ट में न्यायिक नेतृत्व की नई व्यवस्था प्रारंभ होने जा रही है, जो राज्य की न्यायिक प्रणाली को नई दिशा देगी।
कौन हैं जस्टिस के आर श्रीराम?
बता दें, जस्टिस के आर श्रीराम का जन्म 28 सितंबर, 1963 को मुंबई में हुआ। उन्होंने मुंबई विश्वविद्यालय से एलएलबी की डिग्री प्राप्त की और इसके बाद लंदन से समुद्री विज्ञान में एलएलएम किया। जुलाई 1986 में उन्हें महाराष्ट्र एवं गोवा बार काउंसिल में वकील के रूप में पंजीकृत किया गया।
अपने करियर के दौरान उन्होंने बॉम्बे हाईकोर्ट, सुप्रीम कोर्ट, उपभोक्ता फोरम्स, सीमा शुल्क और सेवा कर अपीलीय न्यायाधिकरण, प्रतिभूति अपीलीय न्यायाधिकरण और कंपनी लॉ बोर्ड में वकालत की है।
स्थायी न्यायाधीश भी बने
बता दें, उनकी न्यायिक सेवा की शुरुआत 21 जून 2013 को बॉम्बे हाईकोर्ट के अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में हुई, और 2 मार्च 2016 को वे स्थायी न्यायाधीश बने। इसके बाद 21 सितंबर 2024 को उन्हें मद्रास हाईकोर्ट का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया था। अब वे राजस्थान हाईकोर्ट में मुख्य न्यायाधीश के रूप में अपनी नई जिम्मेदारी संभालेंगे।
सामाजिक सरोकार से जुड़े हैं जस्टिस
जस्टिस श्रीराम सिर्फ न्यायिक क्षेत्र तक सीमित नहीं रहे, बल्कि उन्होंने सामाजिक कार्यों में भी सक्रिय भागीदारी निभाई है। वे वर्षों तक एक एनजीओ के उपाध्यक्ष रहे हैं जो अनाथ और असहाय दिवंगत लोगों के अंतिम संस्कार और श्राद्ध की व्यवस्था करता है। उनके इसी संवेदनशील और सामाजिक दृष्टिकोण के लिए उन्हें व्यापक सम्मान प्राप्त है। साथ ही उन्हें गोल्फ खेलने का भी शौक है।