मंत्रिमंडल बैठक का बड़ा हो सकता है एजेंडा
गौरतलब है कि लंबे समय से
कैबिनेट की बैठक नहीं होने से कुछ जरूरी निर्णय सरक्यूलेशन के जरिए पास करने के लिए कैबिनेट मंत्रियों के घरों पर फाइल भेजकर हस्ताक्षर कराए गए थे। इस मामले को पत्रिका ने प्रमुखता से उठाया था। सूत्रों के मुताबिक मंत्रिमंडल बैठक का एजेंडा बड़ा हो सकता है। इसमें कई विभागों के कर्मचारियों के सेवा नियमों में संशोधन, भूमि आवंटन और ऊर्जा क्षेत्र से जुड़े बड़े प्रस्ताव शामिल होंगे।
सेवा नियमों में संशोधन, शिथिलन के ये रखे जा सकते प्रकरण
राज्य सरकार की ओर से प्रदेश में कार्यरत कार्मिकों को लेकर विभिन्न नियमों में संशोधन किए जाने हैं। इस कड़ी में कार्मिक विभाग से जुड़े राजस्थान सचिवालय सेवा नियम 1954 में संशोधन, रिक्तियों की संख्या में 100 फीसदी तक वृद्धि करने के साथ ही विविध सेवा नियमों में संशोधन, राजस्थान सिविल सेवा (पेंशन) नियम 1996 के नियम 62 व 67 में संशोधन और राजस्थान सिविल सेवा नियम 2017 में संशोधन, संसदीय कार्य विभाग के विधानसभा सचिवालय भर्ती तथा सेवा नियमों में संशोधन, जल संसाधन विभाग में कर्मचारियों के विभिन्न श्रेणियों के नियमों में संशोधन एवं भर्ती प्रक्रिया, पर्यटन विभाग में सहायक पर्यटक अधिकारी के पद पर अनुकम्पात्मक नियुक्ति देने को लेकर नियमों में शिथिलन आदि।
भूमि आवंटन व शिक्षा से जुड़े प्रस्ताव…
राजस्व विभाग की ओर से सोलर पावर प्रोजेक्ट्स के लिए भूमि आवंटन (फतेहगढ़, रामगढ़, छत्तरगढ़), स्वायत्त शासन विभाग की ओर से संस्था और जनजाति बालिका छात्रावास को भूमि आवंटन, जनजाति बालिका छात्रावासों के लिए भूमि, प्राध्यापक कृषि की शैक्षणिक योग्यता में संशोधन, उच्च शिक्षा विभाग के दो महाविद्यालयों के नाम में संशोधन व शहीद के नाम पर रखने संबंधी।
ऊर्जा क्षेत्र में जॉइंट वेंचर के जरिए निवेश बढ़ाने के मामले
राज्य विद्युत उत्पादन निगम के 330 मेगावाट का धौलपुर और 270.5 मेगावाट रामगढ़ गैस संयंत्र का गेल को हस्तांतरण। 750 मेगावाट सौर व 250 मेगावाट पवन परियोजना के लिए राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम व गेल के बीच 50-50 के अनुपात के साथ संयुक्त उद्यम (जॉइंट वेंचर कंपनी), राज्य विद्युत उत्पादन निगम की इंद्रप्रस्थ गैस लिमिटेड के साथ 500 मेगावाट सौर संयंत्र की स्थापना, जिसके लिए उद्यम कंपनी बनाने और ऑयल इंडिया लिमिटेड के साथ 1000 मेगावाट सौर व 200 मेगावाट पवन ऊर्जा परियोजना के लिए संयुक्त उद्यम कंपनी।