हाईकोर्ट ने किया था जमानत से इनकार, तो SC पहुंचा था मामला
जस्टिस सुधांशु धूलिया और जस्टिस अरविंद कुमार की पीठ मालवीय की विशेष अनुमति याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें उन्होंने मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी है, जिसमें उन्हें फेसबुक पर पोस्ट कार्टून के मामले में अग्रिम जमानत से इनकार कर दिया गया था। शीर्ष कोर्ट की पीठ ने कहा, आप (याचिकाकर्ता) यह सब क्यों करते हैं? कार्टूनिस्ट की अधिवक्ता वृंदा ग्रोवर ने पोस्ट हटाने और यह बयान देने पर सहमति जताई कि वह आपत्तिजनक टिप्पणियों का समर्थन नहीं करते। जब पीठ को बताया गया कि कार्टूनिस्ट की उम्र 50 साल से ज्यादा है तो जस्टिस धूलिया ने कहा, अब भी कोई परिपक्वता नहीं है। हम मानते हैं कि यह (कार्टून) भडक़ाऊ है। हम इस मामले में चाहे जो भी फैसला करें, लेकिन यह निश्चित रूप से अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का दुरुपयोग है।
2021 में बनाया था कार्टून, सुनवाई आज
मालवीय ने कार्टून 2021 में बनाया था। इसमें कोविड टीकों की प्रभावशीलता पर सवाल उठाए गए थे। एक फेसबुक यूजर ने मई 2025 में सरकार के जाति जनगणना के फैसले के संदर्भ में कुछ आपत्तिजनक टिप्पणियों के साथ इसका दोबारा इस्तेमाल किया था। मालवीय ने इस पोस्ट को फिर से शेयर किया और टिप्पणियों का समर्थन किया। इसके कारण उन पर प्राथमिकी दर्ज की गई। कोर्ट अब इस मामले में आज 15 जुलाई मंगलवार को सुनवाई करेगी।