शुभांशु ने रच दिए 7 साइंटिफिक चमत्कार (Shubhanshu shukla Experiments to Boost Medical Innovation)
टार्डिग्रेड्स:
अपनी जीवटता के लिए मशहूर सूक्ष्म जीव के अस्तित्व, पुनरुत्थान व प्रजनन व्यवहार पर केंद्रित प्रयोग से यह समझने में मदद मिलेगी कि कठिन परिस्थितियों में ये कैसे जीवित रहते हैं। इसका लाभ धरती पर दवाओं के विकास और अंतरिक्ष की चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में खुद को बचाने में काम आएगा।
मायोजेनेसिस:
सूक्ष्म गुरुत्वाकर्षण कैसे मांसपेशियों को कमजोर करता है और कंकाल की मांसपेशियों के शिथिल होने के पीछे कौन से आणविक तत्व जिम्मेदार हैं। अंतरिक्ष में लागू उपाय पृथ्वी में बुढ़ापे में मांसपेशियों के कमजोर होने पर काम आ सकेंगे। दवाएँ बनाई जा सकेंगी।
मेथी और मूंग के बीजों का अंकुरण:
लंबे अंतरिक्ष मिशनों या चंद्रमा पर मानव मिशन के दौरान यात्रियों के पोषण का विकल्प। साथ ही, ऑक्सीजन की कमी पूरा करने का एक जरिया। साइनोबैक्टिरिया:
दो उपभदों में तुलनात्मक वृद्धि के अध्ययन से जीवन को सपोर्ट करने वाली प्रणालियों के बारे में जानकारी। लंबी अवधि के मिशन में हवा और पानी की रीसायकलिंग में मददगार।
सूक्ष्म शैवालों का प्रयोग:
अंतरिक्ष में भोजन का विकल्प। अंतरिक्ष की परिस्थितियां शैवालों के विकास व आनुवंशिक गतिविधियों को कैसे प्रभावित करती है।
फसल बीज:
अंतरिक्ष में बीजों के अंकुरित होने का जांच। खाने योग्य फसलों के बीजों में वृद्धि व उपज मापदंडों पर सूक्ष्म गुरुत्वाकर्षण का प्रभाव का अध्ययन। अंतरिक्ष के साथ धरती पर खेती के लिए उपयोगी।
वॉयजर डिस्प्ले:
सूक्ष्म गुरुत्वाकर्षण में इलेक्ट्रॉनिक डिस्प्ले का आंख-हाथ समन्वय, संकेत देने की क्षमता और डिजिटल स्क्रीन से जुड़ी समस्याओं पर प्रयोग। अंतरिक्ष मिशन सच में ऐतिहासिक रहा
हम पूरे देश के साथ मिलकर ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला का धरती पर वापस आने पर स्वागत करते हैं। उनका अंतरिक्ष मिशन सच में ऐतिहासिक रहा है। अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) जाने वाले वो भारत के पहले अंतरिक्ष यात्री हैं, और उन्होंने अपनी लगन, हिम्मत और नए विचारों से करोड़ों लोगों को प्रेरित किया है। यह हमारी अपनी ‘गगनयान’ मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन की तरफ एक और बड़ी उपलब्धि है। प्रधानमंत्री भारत , नरेंद्र मोदी राजीव मिश्रा