scriptChittorgarh: होम बेस्ड पोलिएटिव योजना बनेगी वरदान… गंभीर रोगियों का भी घर बैठे इलाज, जानिए खास बातें | Chittorga Home based clinical plan will be a boon… even serious patients will be treated at home, know the special things | Patrika News
चित्तौड़गढ़

Chittorgarh: होम बेस्ड पोलिएटिव योजना बनेगी वरदान… गंभीर रोगियों का भी घर बैठे इलाज, जानिए खास बातें

गंभीर व असाध्य रोगों से ग्रसित ऐसे लोग, जो अंतिम अवस्था में हैं। उनका इलाज अब चिकित्सक व नर्सिंग कर्मी घर जाकर करेंगे। इसके लिए राज्य सरकार होम बेस्ड पोलिएटिव योजना शुरू करने जा रही है।

चित्तौड़गढ़Jul 16, 2025 / 02:21 pm

anand yadav

राजस्थान में होम बेस्ड पोलिएटिव स्कीम, फोटो एआइ

राजस्थान में होम बेस्ड पोलिएटिव स्कीम, फोटो एआइ

राजस्थान राज्य में अब गंभीर व असाध्य रोगों से ग्रसित ऐसे लोग, जो अंतिम अवस्था में हैं। उनका इलाज अब चिकित्सक व नर्सिंग कर्मी घर जाकर करेंगे। इसके लिए राज्य सरकार होम बेस्ड पोलिएटिव योजना शुरू करने जा रही है। इसके लिए नर्सिंग कर्मियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। जल्द ही योजना पूरे राज्य में लागू करना प्रस्तावित है।

डॉक्टर घर जाकर करेंगे इलाज

गंभीर व असाध्य रोगों से ग्रसित लोगों का अस्पताल में उपचार करने के बजाय घर पर परिजनों के बीच उपचार करने नर्सिंगकर्मी व जरूरत होने पर चिकित्सक जाएंगे। नर्सिगकर्मी मरीजों को चिकित्सक की ओर से लिखी दवा देने के साथ लेने का तरीका बताएंगे। मरीज के अति गंभीर होने पर चिकित्सक से सलाह लेकर दवा में बदलाव करेंगे। इस योजना के तहत कैंसर, लकवा सहित असाध्य रोगों के मरीजों की सूची तैयार की जा रही है। उनकी घर पर हर सप्ताह नर्सिंगकर्मी व आवश्यकता होने पर चिकित्सक जांच करेंगे और दवा देंगे।

गंभीर रोगी भी इलाज में शामिल

पेलिएटिव केयर के लिए चार नर्सिंगकर्मियों व एक चिकित्सक को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। कैंसर, हृदय रोग, किडनी खराब होना, लीवर की गंभीर बीमारी, न्यूरोलॉजिकल बीमारियां, बुजुर्गों में मल्टीपल क्रॉनिक कंडिशन आदि गंभीर रोगियों को इसमें शामिल किया गया है। चित्तौडग़ढ़ जिले में भी ऐसे रोगियों को चिन्हित कर सूची तैयार की जा रही है।

इलाज में ये शामिल

  • मरीज को दर्द, उल्टी, सांस की तकलीफ, बेचैनी आदि से राहत देना।
  • मरीज और परिवार को मानसिक तनाव, चिंता और अवसाद से दूर रखना।
    -चिकित्सा विभाग का मानना है कि जो मरीज गंभीर बीमार है, वे परिजनों के बीच अधिक खुश रहेंगे। उनकी देखभाल भी बेहतर होगी। उनको अस्पताल के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं रहेगी। इससे परिजनों को भी राहत मिलेगी।

संसाधन होंगे उपलब्ध

चित्तौड़गढ़ जिले में होम बेस्ड पेलिएटिव केयर के लिए दो वाहन जिले में संचालित रहेंगे। दवाइयों के किट बनाए जाएंगे। अभी मुख्य रूप से इसमे कैंसर मरीज हैं। यह प्रोजेक्ट सफल रहने पर आगे पूरे प्रदेश में शुरू करना प्रस्तावित है।

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