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हनुमानगढ़

लोकपाल के लिए ललचा रहा मन, सरकार कर रही देरी

हनुमानगढ़. लोकपाल बनने के लिए आवेदकों का मन खूब ललचा रहा है। परंतु सरकार की देरी की वजह से उनकी आस पूरी नहीं हो पा रही है।

हनुमानगढ़Jul 17, 2025 / 10:41 am

Purushottam Jha

लोकपाल के लिए ललचा रहा मन, सरकार कर रही देरी

लोकपाल के लिए ललचा रहा मन, सरकार कर रही देरी

-हनुमानगढ़ में लोकपाल की नियुक्ति को लेकर नहीं बन रही बात
-सरकार ने पूर्व में साक्षात्कार के लिए जिन अभ्यर्थियों को बुलाया था, उनमें से एक का भी नहीं हुआ चयन
हनुमानगढ़. लोकपाल बनने के लिए आवेदकों का मन खूब ललचा रहा है। परंतु सरकार की देरी की वजह से उनकी आस पूरी नहीं हो पा रही है। हनुमानगढ़ जिला परिषद में 15 जून 2024 को लोकपाल का पद रिक्त हो गया था। तब से यह पद खाली चल रहा है। नए लोकपाल की नियुक्ति को लेकर मांगे गए आवेदन की कड़ी में हनुमानगढ़ जिले में मई 2025 में 19 आवेदन आए थे। इनमें से 11 आवेदकों को साक्षात्कार के लिए बुलाया गया था। बताया जा रहा है कि साक्षात्कार में इनमें से किसी को नियुक्ति नहीं दी गई। कोई न कोई कारण बताकर नियुक्ति की टाल दी गई। अब सरकार स्तर पर जून 2025 में दोबारा आवेदन मांगने पर 32 आवेदन आए हैं। इनकी सूची तैयार कर जिला परिषद ने मुख्यालय भिजवा दी है। अब सबको सरकार स्तर पर लोकपाल की नियुक्ति का इंतजार है। जानकारी के अनुसार मनरेगा योजना में चल रहे कार्य की मॉनिटरिंग का प्रमुख कार्य लोकपाल को दिया गया है। इसकी एवज में करीब 45 हजार रुपए मासिक मानदेय लोकपाल को दिया जाता है। जिला परिषद सीईओ ओपी बिश्नोई के अनुसार जिला परिषद कार्यालय स्तर पर प्राप्त आवेदन मुख्यालय भिजवा दिए गए हैं। उच्च स्तर से ही नियुक्ति होनी है।
पहले इनको बुलाया था
राज्य स्तरीय चयन समिति की ओर से गत दिनों हनुमानगढ़ जिले से दस आवेदकों को साक्षात्कार के लिए बुलाया गया था। इनमें पराग जैन, संदीप शर्मा, जयप्रकाश, रफिजा, मोजीराम, दिलावर सिंह, नरेश कुामार, मालूराम, राजेश गोदारा, आरिफ मोहम्मद, जाकिर हुसैन आदि के नाम शामिल हैं। परंतु सरकार ने इनमें से किसी नाम पर सहमति प्रदान नहीं की। इस बीच दोबारा आवेदन की प्रक्रिया शुरू कर दी।
लोकपाल के यह दायित्व
मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम) में लोकपाल के मुख्य कार्यों में शिकायतों की जांच करना शामिल है। जिले में चल रहे मनरेगा कार्य से संबंधित अभिलेखों और दस्तावेजों की जांच कर सकता है। मनरेगा कार्यों का भौतिक निरीक्षण करना और लाभार्थियों के अधिकारों की रक्षा करना लोकपाल का अहम दायित्व है। इसके अलावा वह निर्धारित अवधि में प्राप्त शिकायतों की जांच करता है और तीस दिनों के भीतर उनका निस्तारण करने का प्रयास करता है। लोकपाल अपनी जांच और मामले के निस्तारण की रिपोर्ट संबंधित अधिकारियों को सौंप कर दोषी मिले अधिकारियों या कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश कर सकता है।

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