सफाईकर्मी अब सफाई मित्र, इनकी सुरक्षा को प्राथमिकता
देश में गोरखपुर को “सफाई मित्र सुरक्षित शहर” की श्रेणी में तीसरा स्थान मिला है। इसका मतलब है कि गोरखपुर नगर निगम ने सफाई कर्मियों की सुरक्षा को प्राथमिकता दी है। शहर में अब नालों और सीवर की सफाई मशीनों से होती है और सफाई मित्रों को सुरक्षा उपकरण, बीमा और ट्रेनिंग दी जाती है, जिससे उनका जीवन सुरक्षित और सम्मानजनक हो। सफाईकर्मियों को सफाई मित्र कह कर उनको सामाजिक जीवन में भी सम्मान दिया गया है।
स्वच्छता रेटिंग में बड़ी छलांग, मिला 5-Star रेटिंग
बता दें कि पिछले वर्ष गोरखपुर को 3-Star रेटिंग मिली थी, लेकिन इस साल शहर ने बड़ी छलांग लगाते हुए 5-Star रेटिंग हासिल की है। इस रेटिंग का मतलब है कि शहर में हर स्तर पर सफाई व्यवस्था, कचरा प्रबंधन, नागरिक सहभागिता और पर्यावरण के प्रति सजगता में काफी सुधार हुआ है।गोरखपुर को 3 से 10 लाख की आबादी वाले शहरों की श्रेणी में देश में पहला स्थान मिला है। पिछले साल यह स्थान 22वां था। गोरखपुर ने 18 स्थानों की छलांग लगाकर एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है।
स्वक्ष जल संग्रह अभियान को भी बड़ी सफलता, मिला WATER+ सर्टिफिकेट
इस साल गोरखपुर को WATER+ सर्टिफिकेट भी मिला है। यह प्रमाणपत्र बताता है कि शहर में सभी गंदे पानी का सही तरीके से ट्रीटमेंट किया जाता है और नदियों, नालों या झीलों में बिना ट्रीटमेंट के गंदा पानी नहीं छोड़ा जाता। पिछले साल गोरखपुर सिर्फ ODF+ (खुले में शौच मुक्त+) था। लेकिन इस बार वॉटर+ बनकर स्वच्छता की एक और ऊंचाई पर पहुंच गया है। इस सम्मानजनक मौके पर गोरखपुर के महापौर मंगलेश श्रीवास्तव और नगर आयुक्त गौरव सिंह सोगरवाल ने शहर का प्रतिनिधित्व किया और राष्ट्रपति से पुरस्कार ग्रहण किया। उन्होंने बताया कि यह सफलता पूरे नगर निगम की टीम, सफाई कर्मियों और गोरखपुर की जनता की मेहनत और सहयोग से संभव हो पाई है।