इस सूची में 12 नए अपराधियों को शामिल किया गया है, जो विभिन्न जघन्य अपराधों में वांछित हैं और जिन पर लाखों रुपये के इनाम घोषित हैं। एडीजी दिनेश एमएन ने जयपुर/जोधपुर के पुलिस आयुक्तों, समस्त रेंज महानिरीक्षक पुलिस, पुलिस उपायुक्तों, समस्त जिला पुलिस अधीक्षकों, जी.आर.पी. और एटीएस/एसओजी सहित सभी पुलिस अधिकारियों को इन चिन्हित अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए गहन प्रयास करने के निर्देश दिए हैं।
एडीजी एमएन ने बताया कि हमने राज्य में कानून व्यवस्था को सुदृढ़ करने और जनता में विश्वास बहाल करने का संकल्प लिया है। ये 25 अपराधी समाज के लिए बड़ा खतरा हैं और इनकी गिरफ्तारी हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। पुलिस की सभी इकाइयां तालमेल के साथ काम करेंगी ताकि कोई भी अपराधी बच न पाए। जनता से भी हमारा आग्रह है कि वे किसी भी सूचना को बेझिझक पुलिस के साथ साझा करें।
सूची में प्रमुख अपराधी और उन पर इनाम राशि
यह सूची हत्या, डकैती, लूट, हत्या के प्रयास, आर्म्स एक्ट, एनडीपीएस एक्ट और चोरी जैसे संगीन अपराधों में वांछित अपराधियों को कवर करती है रोहित गोदारा उर्फ रावताराम- हत्या/डकैती, लूट के 20 प्रकरणों में वांछित, पुलिस मुख्यालय द्वारा 1 लाख रुपये और NIA द्वारा 5 लाख रुपये का इनाम। महेंद्र उर्फ समीर मेघवाल- हत्या का प्रयास, आर्म्स एक्ट और चोरी के 25 प्रकरणों में वांछित, NIA द्वारा 5 लाख रुपये और पुलिस मुख्यालय द्वारा 2 लाख रुपये का इनाम। वीरेंद्र सिंह चारण- हत्या/लूट, डकैती के 9 प्रकरणों में वांछित, NIA द्वारा 5 लाख रुपये का इनाम।
सतविंद्र उर्फ गोल्डी बराड़- हत्या/लूट, डकैती के 7 प्रकरणों में वांछित, NIA द्वारा 5 लाख रुपये और रेंज स्तर पर 50,000 रुपये का इनाम। अनमोल उर्फ भानू- हत्या का प्रयास/लूट, डकैती के 13 प्रकरणों में वांछित, पुलिस मुख्यालय द्वारा 1 लाख रुपये का इनाम।
श्यामसुंदर उर्फ सांवरिया- हत्या का प्रयास/एनडीपीएस के 12 प्रकरणों में वांछित। पुलिस मुख्यालय स्तर पर 1 लाख रुपये का इनाम। सुनील पुत्र कालू मीणा- एनडीपीएस एक्ट के 7 प्रकरणों में वांछित। पुलिस मुख्यालय द्वारा 1 लाख रुपये का इनाम।
अनिल पांडिया- हत्या/लूट, डकैती के 39 प्रकरणों में वांछित। गुजरात पुलिस द्वारा 1 लाख रुपये और पुलिस अधीक्षक सीकर द्वारा 5,000 रुपये का इनाम। महेश पुत्र छोटूराम हरिजन- हत्या के 2 प्रकरणों में वांछित। रेंज स्तर पर 50,000 रुपये का इनाम।
अमरजीत विश्नोई- हत्या/लूट, डकैती के 8 प्रकरणों में वांछित। पुलिस मुख्यालय स्तर पर 50,000 रुपये का इनाम। सुभाष मूण्ङ उर्फ सुभाष बराल- निवासी सीकर, हत्या, लूट, डकैती के 29 प्रकरण, पुलिस मुख्यालय स्तर पर 50,000/- रुपये इनाम।
अजय सिंह उर्फ अज्जू बना- निवासी कोटा शहर, हत्या का प्रयास, आर्म्स एक्ट के 4 प्रकरण, रेंज स्तर पर 50,000/- रुपये इनाम। बजरंग मीणा- निवासी भीलवाड़ा, हत्या का प्रयास, एनडीपीएस के 13 प्रकरण, रेंज स्तर पर 50,000/- रुपये इनाम।
कंवराराम जाट- निवासी बाड़मेर ग्रामीण, हत्या,हत्या का प्रयास के 9 प्रकरण, रेंज स्तर पर 50,000/- रुपये इनाम। जगदीश उर्फ जगला जाट- निवासी श्रीगंगानगर, हत्या, हत्या का प्रयास के 20 प्रकरण, रेंज स्तर पर 40,000/- रुपये इनाम।
राहुल स्वामी- निवासी सीकर, लोरेन्स गैंग का सक्रिय सदस्य, हत्या, लूट, डकेती के 16 प्रकरण, रेंज स्तर पर 25,000/- रुपये इनाम। महेन्द्र सारण- निवासी चुरू (लोरेन्स गैंग का सक्रिय सदस्य), लूट,अपहरण के 2 प्रकरण, रेंज स्तर पर 25,000/- रुपये इनाम।
विनोद कुमार- निवासी श्रीगंगानगर, हत्या का प्रयास, लूट, डकैती के 3 प्रकरण, रेंज स्तर पर 25,000/- रुपये इनाम। अमित पंडित उर्फ जैक पुत्र- निवासी अजमेर, हत्या का प्रयास, लूट, डकैती के 47 प्रकरण, रेंज स्तर पर 25,000/- रुपये इनाम।
गुल्लू उर्फ गुलनवाज खां- निवासी प्रतापगढ, लूट, डकैती, एनडीपीएस के 14 प्रकरण, रेंज स्तर पर 25,000/- रुपये इनाम। अजय सिंह- निवासी उत्तर पश्चिम दिल्ली, हत्या, लूट, डकैती के 13 प्रकरण, रेंज स्तर पर 25,000/- रुपये इनाम।
बजरंग सिंह राजपूत- निवासी जोधपुर ग्रामीण, हत्या का प्रयास, लूट, डकैती के 4 प्रकरण जिला स्तर पर 25,000/- रुपये इनाम। रईस खां- निवासी जोधपुर ग्रामीण, हत्या का प्रयास व अन्य प्रोपर्टी सम्बधी के 13 प्रकरण, जिला स्तर पर 10,000/- रुपये इनाम।
इब्बर मेव- निवासी डीग, लूट, डकैती, आर्म्स एक्ट के 16 प्रकरण, जिला स्तर पर 5,000/- रुपये इनाम। मोखम सिंह- निवासी ब्यावर सदर, हत्या, हत्या का प्रयास, लूट, डकैती के 62 प्रकरण, जिला स्तर पर 2,000/- रुपये इनाम।
ADG दिनेश एमएन ने सभी संबंधित अधिकारियों को रेंज स्तर पर भी 10 सर्वाधिक सक्रिय वांछित अपराधियों का चयन करने और की गई कार्रवाई की मासिक प्रगति रिपोर्ट नियमित रूप से भिजवाना सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है। यह कदम यह सुनिश्चित करेगा कि राज्य के हर कोने में अपराधियों पर लगातार दबाव बना रहे। यह कार्रवाई राजस्थान पुलिस की अपराधों के प्रति ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति को दर्शाती है और राज्य को सुरक्षित बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।