लॉर्ड्स टेस्ट में चूका जीत का मौका
इंग्लैंड के खिलाफ चल रही पांच टेस्ट मैचों की एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी के तीसरे मुकाबले में भारत के पास जीत का सुनहरा अवसर था। लॉर्ड्स में खेले गए इस टेस्ट में भारत को 193 रनों का मामूली लक्ष्य मिला था, लेकिन टॉप और मिडिल ऑर्डर की नाकामी के कारण पूरी टीम 170 रनों पर ढेर हो गई। इस जीत के साथ इंग्लैंड ने सीरीज में 2-1 की बढ़त बना ली है। हैरानी की बात यह है कि गंभीर की कोचिंग में यह दूसरी बार है जब भारत 200 से कम के लक्ष्य का पीछा नहीं कर सका है।
न्यूजीलैंड के खिलाफ तीसरे टेस्ट में 25 रन से मिली थी मात
पिछले साल मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम पर खेले गए मुकाबले में न्यूजीलैंड ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला लिया था और पहली पारी में डेरिल मिचेल की 82 रनों की पारी की बदौलत 235 रन बनाए। इसके बाद भारत ने अपनी पहली पारी में 263 रन बनाए और 28 रन की बढ़त हासिल की। न्यूजीलैंड ने दूसरी पारी में 174 रन बनाए और भारत के सामने 147 रनों का लक्ष्य रखा। जवाब में टीम इंडिया सिर्फ 121 रन ही बना पाई थी और ऑलआउट हो गई थी। तीन टेस्ट मैचों की यह सीरीज भारत 0-3 से हारा था।
गंभीर की कोचिंग में टीम इंडिया का बुरा हाल
गौतम गंभीर के कोचिंग कार्यकाल में भारतीय टेस्ट क्रिकेट टीम का प्रदर्शन निराशाजनक रहा है। उनकी कोचिंग में भारत ने 9 टेस्ट मैच खेले, जिनमें केवल 4 में जीत हासिल की। इनमें से दो जीत बांग्लादेश के खिलाफ घरेलू मैदानों पर मिलीं। दूसरी ओर, गंभीर के नेतृत्व में भारत ने कई शर्मनाक हार झेलीं, जिनमें न्यूजीलैंड के खिलाफ 12 साल बाद घरेलू सीरीज में हार और बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी (BGT) में 10 साल बाद ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 3-1 से करारी शिकस्त शामिल है।