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छतरपुर

मेडिकल कॉलेज का 65 प्रतिशत निर्माण कार्य पूरा, 19 विभागों से होगी शुरुआत

अब प्रशासन डीन और शैक्षणिक स्टाफ की नियुक्ति की प्रक्रिया प्रारंभ कर रहा है। कॉलेज में आधुनिक चिकित्सा सुविधाओं के साथ-साथ अपराध विश्लेषण जैसे फॉरेंसिक कोर्सेस की भी पढ़ाई होगी।

छतरपुरJul 15, 2025 / 10:31 am

Dharmendra Singh

medical college

मेडिकल कॉलेज कैंपस का ड्रोन फोटो

बुंदेलखंड के छतरपुर जिले के लिए एक बड़ी सौगात के रूप में उभर रहा मेडिकल कॉलेज अब अपने अस्तित्व की ओर तेजी से बढ़ रहा है। कॉलेज भवन का 65 प्रतिशत निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है और अब प्रशासन डीन और शैक्षणिक स्टाफ की नियुक्ति की प्रक्रिया प्रारंभ कर रहा है। कॉलेज में आधुनिक चिकित्सा सुविधाओं के साथ-साथ अपराध विश्लेषण जैसे फॉरेंसिक कोर्सेस की भी पढ़ाई होगी। यह मेडिकल कॉलेज न केवल चिकित्सा शिक्षा का केंद्र बनेगा, बल्कि जिले के हजारों मरीजों के लिए उपचार का मजबूत माध्यम भी बनेगा।
मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया की गाइडलाइन के अनुसार छतरपुर मेडिकल कॉलेज में 19 विभागों के साथ शैक्षणिक सत्र की शुरुआत की जाएगी। इस संबंध में तैयार किया गया विस्तृत प्रस्ताव शासन को भेजा जा चुका है। जिन विभागों को कॉलेज में शामिल किया गया है, उनमें ह्यूमन एनाटॉमी, फिजियोलॉजी, बायोकैमिस्ट्री, पाथोलॉजी (ब्लड बैंक सहित), माइक्रोबायोलॉजी, फार्माकोलॉजी, टॉक्सिकोलॉजी, फॉरेंसिक मेडिसिन, कम्युनिटी मेडिसिन, जनरल मेडिसिन, पीडियाट्रिक्स, डर्मेटोलॉजी, मनोरोग, सर्जरी, ऑर्थोपेडिक्स, रेडियो डायग्नोसिस, रेडियोथेरेपी, नेत्र चिकित्सा और दंत चिकित्सा शामिल हैं। इन विभागों के शुरू होने से मरीजों को अब गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए झांसी या ग्वालियर जैसे बड़े शहरों की ओर रुख नहीं करना पड़ेगा।

फॉरेंसिक मेडिसिन से अपराध विश्लेषण में भी मिलेगा योगदान

मेडिकल कॉलेज में फॉरेंसिक मेडिसिन एंड टॉक्सिकोलॉजी विभाग भी खोला जाएगा, जिसके माध्यम से अपराध से जुड़े रासायनिक, जैविक और तकनीकी विश्लेषण की शिक्षा दी जाएगी। इससे पुलिस एवं न्याय व्यवस्था को अपराध कारणों की वैज्ञानिक जानकारी प्राप्त करने में मदद मिलेगी। कॉलेज के आरंभ होने से छतरपुर जिले को रेडियोथेरेपी, पीडियाट्रिक सर्जरी और डर्मेटोलॉजी जैसी उच्चस्तरीय चिकित्सा सुविधाएं मिलेंगी, जिनकी अब तक जिले में भारी कमी रही है। फिलहाल स्किन संबंधी रोगों के लिए कोई विशेषज्ञ उपलब्ध नहीं है। कॉलेज में विशेषज्ञों की नियुक्ति के साथ ये सेवाएं सुलभ होंगी।

दो हेल्थ सेंटर भी चलाएगा कॉलेज

एमसीआई के नियमों के अनुसार कॉलेज के साथ ही दो हेल्थ सेंटरों (एक शहरी और एक ग्रामीण) की स्थापना की जाएगी। इन सेंटरों पर मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर और छात्र-छात्राएं सेवाएं देंगे। इन केंद्रों के लिए खजुराहो और नौगांव के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर विचार किया जा रहा है। यदि आवश्यक हुआ तो छतरपुर के आसपास किसी अन्य पीएचसी को भी चयनित किया जा सकता है।

स्वरोजगार को भी मिलेगा बढ़ावा

मेडिकल कॉलेज से न केवल मरीजों को राहत मिलेगी बल्कि सैकड़ों लोगों को प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा। कॉलेज के कोऑर्डिनेटर डॉ. उमेश पटले ने बताया कि छतरपुर में क्लीनिकल मटेरियल की उपलब्धता बहुत अच्छी है, जो कॉलेज संचालन के लिए इसे एक उपयुक्त स्थान बनाती है। स्टाफ, विद्यार्थियों और मरीजों से जुड़ी सेवाओं से लोकल मार्केट को मजबूती मिलेगी और स्वरोजगार के नए द्वार खुलेंगे।

डीन और स्टाफ की होगी नियुक्ति

छात्रावास, आवासीय परिसर, लाइब्रेरी, लैब, स्पोट्र्स ग्राउंड और अन्य बुनियादी ढांचे का विकास होने से यह क्षेत्र शिक्षा, चिकित्सा और शहरी विकास का मॉडल बन सकता है। कॉलेज भवन का 65 प्रतिशत निर्माण कार्य पूर्ण होने के बाद अब अगला कदम डीन और शैक्षणिक स्टाफ की नियुक्ति है। इनकी नियुक्ति के पश्चात एमसीआई से मान्यता प्रक्रिया प्रारंभ की जाएगी, जिसके बाद कॉलेज में पहले बैच के एडमिशन की राह साफ होगी।

इनका कहना है

मेडिकल कॉलेज कैंपस का निर्माण तेजी से चल रहा है। निर्धारित मानकों के साथ समय सीमा में काम करने का प्रयास किया जा रहा है। 65 प्रतिशत से अधिक निर्माण हो गया है।
केएस परस्ते, ईई, पीआइयू

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