कृषि विभाग के अनुसार पांच सौ मिलीमीटर पानी के बाद बीज प्रभावित हो जाता है और उसके खराब होने की आशंका बढऩे लगती है। जिले में अभी तक 1074.9 मिलीमीटर औसत बारिश हो चुकी है। जिससे करीब पचास हजार हेक्टेयर से अधिक भूमि की फसल प्रभावित है। किसानों की उम्मीद अब दलहन से है। जिसमें मूंग, उड़द और अरहर की बोवनी के लिए किसान तैयारी कर रहे हैं। पांच दिन भी मौसम खुला रहा तो वे बोवनी कर सकेंगे।
बीस फीसदी सोयाबीन प्रभावित
इस बार किसानों ने 45 हजार हेक्टेयर में सोयाबीन की फसल के लिए बीज बोया था और नदी किनारे की भूमि में दस प्रतिशत और सामान्य भूमि में 15 प्रतिशत सोयाबीन के बीज को बारिश ने प्रभावित किया है। करीब छह हजार सात सौ पचास हेक्टेयर भूमि का सोयाबीन प्रभावित हुआ है। वहीं इस बार मूंगफली पांच प्रतिशत प्रभावित हुई है। पिछले वर्ष 1 लाख 79 हजार हेक्टेयर में मूंगफली की फसल बोयी गई थी, इस बार केवल अस्सी हजार हेक्टेयर में ही मूंगफली का उत्पादन किया जा रहा है। करीब चार हजार हेक्टेयर की मूंगफली का बीज प्रभावित हुआ है।जागरूक किसान बढ़े धान की ओरबुंदेलखंड में अधिकांश परंपरागत खेती का चलन है, लेकिन इस बार जो युवा बाहर होकर आए हैं उन्होंने व्यवसायिक खेती की ओर रुख किया है। जिले में लगभग चार हजार हेक्टेयर में धान की बोवनी हुई है। वहीं ज्वार 2800 हेक्टेयर में किसानों द्वारा बोवनी की गई है।दलहन से उम्मीदजिले में अभी चालीस प्रतिशत बोवनी बाकी रह गई है और भारी बारिश ने जहां सोयाबीन को प्रभावित किया है तो किसानों की उम्मीद अब दलहन पर टिकी हुई है। करीब एक लाख तीस हजार हेक्टेयर में मूंग, उड़द, और अरहर बोने की तैयारी है। वहीं तिल की 15 फीसदी फसल बारिश की वजह से प्रभावित हुई है। जिले में 45 हजार हेक्टेयर में तिल की बोवनी हुई है।
फैक्ट फाइल
फसल बोया गया रकवा प्रभावित रकवा सोयाबीन 45000 6750 मूंगफली 80000 4000 अरहर 5000 750 ज्वार 28000 5600 तिल 45000 6750 उड़द 40000 6000 मूंग 45000 9000 कुल भूमि- 288000 38850सभी रकवा हेक्टेयर में दर्ज हुई बारिश अभी तक हुई बारिश 696.4 मिमी बिजावर 1034.4 मिमी बड़ामलहरा 929.8 मिमी नौगांव 742.8 मिमी छतरपुर 697 मिमी
जिले में औसत बारिश 1079.9 मिमी