scriptमेघों का जलाभिषेक, 11 घंटे लगातार बारिश, पहाड़ दरके तो हाइवे पर आ गिरी चट्टानें | Jalabhishek of clouds, continuous rain for 11 hours, mountains cracked and rocks fell on the highway | Patrika News
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मेघों का जलाभिषेक, 11 घंटे लगातार बारिश, पहाड़ दरके तो हाइवे पर आ गिरी चट्टानें

एनएच 27 पर घाटी क्षेत्र में पहाडिय़ों से मलबा और पत्थर गिरने लगे हैं। बारिश के बाद घाटी क्षेत्र में कई जगह बरसाती झरने फूट पड़े हैं और पूरी घाटी क्षेत्र में पानी के साथ पत्थर और मिट्टी का मलबा भी गिरने लगा है।

बारांJul 15, 2025 / 12:00 am

mukesh gour

एनएच 27 पर घाटी क्षेत्र में पहाडिय़ों से मलबा और पत्थर गिरने लगे हैं। बारिश के बाद घाटी क्षेत्र में कई जगह बरसाती झरने फूट पड़े हैं और पूरी घाटी क्षेत्र में पानी के साथ पत्थर और मिट्टी का मलबा भी गिरने लगा है।

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सोमवार को दिनभर झमाझम बरसे बादल, बारिश, मांगरोल में सर्वाधिक 201 एमएम बरसात

बारां. जिले में सोमवार को सभी आठो उपखण्ड क्षेत्रों में झमाझम बरसात हुई है। कहीं अधिक तो कही कम बरसात हुई। जिले भर में सुबह से शाम तक बरसात का दौर जारी रहा। हालांकि शहर में दोपहर के बाद शाम तक बरसात नहीं हुई। बीते 24 घंटों में सर्वाधिक बरसात मांगरोल उपखण्ड क्षेत्र में 201 एमएम दर्ज की गई। वहीं बारां में 112 एमएम, अन्ता में 104, छबड़ा में 78, छीपाबड़ौद में 51, अटरु में 79, शाहाबाद में 176 तथा किशनगंज में 125 एमएम बरसात हुई है। सोमवार को अधिकतम तापमान में दो डिग्री की गिरावट होकर 29 डिग्री रहा, वहीं न्यूनतम तापमान में एक डिग्री की बढ़ोत्तरी होकर 27 डिग्री रहा।
शाहाबाद. एनएच 27 पर घाटी क्षेत्र में पहाडिय़ों से मलबा और पत्थर गिरने लगे हैं। बारिश के बाद घाटी क्षेत्र में कई जगह बरसाती झरने फूट पड़े हैं और पूरी घाटी क्षेत्र में पानी के साथ पत्थर और मिट्टी का मलबा भी गिरने लगा है। सोमवार को ङ्क्षपडासिल खोह के रास्ते से थोड़ा आगे हाइवे पर मलबा और पत्थर नजर आए। बारिश के बाद जगह-जगह बड़े पत्थर और मलबा सडक़ पर आ गया है।
मांगरोल. रविवार सुबह से दोपहर तक झमाझम बारिश के बाद दोपहर में बरसात रुकने के बाद रात में फिर मूसलाधार बरसात शुरू हुई। बरसात से सूरथाग पुलिया पर पानी आ जाने से यह मार्ग बंद हो गया। मांगरोल रामगढ मार्ग पर पार्वती नदी में उफान से रियासतकालीन पुलिया पर पानी आ गया। बरसात से बाणगंगा नदी में पानी आ गया।
अंता में बादल छाए रहे। साथ ही तेज बारिश हुई। इसके कारण क्षेत्र के आसपास छोटे-बड़े सभी नदी- नालों में उफान आ गया। इसी के साथ दिन भर रिमझिम व तेज बारिश के दौर चलता रहा। बोहत, हिगोनिया सडक़ बाणगंगा के नदी उफान पर रहने से बाधित रही। यहां पुलिया पर दो से तीन फीट पानी था।
गऊघाट, सकतपुर, नोहलिया, कटावर, बड़ौरा, बिछालस, खरखड़ा, मोठपुर, अचरावा, कर्जुना, रीछन्दा एवं आटोन सहित अनेक गांवों को प्रभावित किया। बारिश के कारण परवन, भूपसी, बालू खाल, पेहड़ी तथा बाणगंगा सहित कई नदी-नालों में पानी की आवक तेज हो गई है।
देवरी में पलकों नदी की पुलिया पर रास्ता बंद हो गया। श्रद्धालु कंकाली माता मंदिर, काली माता मंदिर, खेड़ापति हनुमान मंदिर, राधा कृष्ण मंदिर आदि मार्ग बंद हो गए। बमोरीकलां में बाणगंगा नदी का जलस्तर बढऩे से सब्जी मंडी, नए बाजार की निचली दुकानों व पुलिस चौकी भवन के समीप तक नदी का पानी आ गया। हांडीपाली में स्थित पालेश्वरमहादेव का मंदिर का परिसर टापू बन गया। जिससे कई लोग मंदिर तक नहीं पहुंच सके।
बारिश से कई रास्ते अवरुद्ध

जलवाड़ा . कस्बे सहित क्षेत्रीय अंचल व दूर दराज में हुई जोरदार बारिश से सोमवार को नदियों में जोरदार उफान आ गया। इससे कस्बे के आस, पास के सभी रास्ते अवरुद्ध हो गये है। कस्बा टापू बन कर रह गया है। पार्वती नदी में 7 फीट, बरनी नदी में 5 फीट, खटफाड़ नदी में 4 फीट, सुखार नदी में 4 फीट पानी की चादर चलने से रास्ते अवरुद्ध हो गये हैं। इस कारण बराना स्टेट हाई वे 72 किशनगंज मार्ग, नाहरगढ़ मार्ग, खल्दा मार्ग, कदीली मार्ग सहित अटरू मार्ग अवरुद्ध हैं। खजुरिया खाळ में भी चार फीट पानी होने से अहमदा व पीतामपुरा गांव का भी कस्बे से सम्पर्क कटा रहा। कस्बे के किशनगंज मार्ग पर स्थित खट फाड़ नदी की पुलिया भी नदी में उफान से फिर क्षतिग्रस्त हो गई है।
पहली ही बारिश में स्टेट हाइवे बदहाल

खंडेला . गुना-श्योपुर को जोडऩे वाले मेगा हाइवे पर स्थित गोरधनपुरा के पास कुकड़ा नदी की पुलिया व सडक़ को बारिश ने तहस नहस कर दिया है। क्षेत्र के इस स्टेट हाइवे पर रोजाना कई वाहनों का आवागमन होता है। सार्वजानिक निर्माण विभाग शाहाबाद इस स्टेट हाइवे की हालत पर ध्यान नहीं दे रहे। दो महीने पहले ही इस स्टेट हाइवे का निर्माण पूरा हुआ था। बारिश ने इसकी पोल खोल दी है। कुकडंा नदी का तेज बहाव यहां कई घंटों तक आवागमन को बाधित कर देता है। इससे पूरी पुलिया क्षतिग्रस्त हो गई है। उफान के दौरान घंटों तक लोगों को इंतजार करना पड़ता है।

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