अमेरिका का डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) प्रशासन H-1B वीजा जारी करने के लिए मौजूदा लॉटरी प्रक्रिया को बदलकर एक नई वेटिड (अंक-आधारित) चयन प्रणाली लागू करने की योजना बना रहा है। अमेरिकी होमलैंड सुरक्षा विभाग (DHS) के इस प्रस्ताव के तहत, 85,000 H-1B वीजा सीटों के लिए आवेदकों का चयन उनकी योग्यता और वेतन के आधार पर होगा। इस प्रणाली में उच्च कुशलता और अधिक वेतन वाले आवेदकों को प्राथमिकता दी जाएगी। चूंकि भारतीय H-1B वीजा के सबसे बड़े लाभार्थी हैं, यह नई प्रणाली भारतीय पेशेवरों को सीधे प्रभावित करेगी।
H-1B वीजा के सबसे बड़े लाभार्थी भारतीय हैं। सितंबर 2023 को समाप्त वित्त वर्ष में, 68,825 प्रारंभिक रोजगार वीजा में से 58% और शेष 2.10 लाख वीजा (विस्तार सहित) में से 79% भारतीयों को आवंटित किए गए। तुलनात्मक रूप से, चीन को क्रमशः 16,094 और 29,250 वीजा मिले। इस प्रकार, वीजा प्रणाली में बदलाव का भारतीय पेशेवरों पर व्यापक प्रभाव पड़ेगा। नई प्रणाली में उच्च वेतन और अनुभव वाले आवेदकों को प्राथमिकता मिलने से फ्रेशर्स और छोटी कंपनियों के लिए अवसर सीमित हो सकते हैं।
अधिक कुशल और पेशेवरों को प्राथमिकता
प्रस्तावित वेटिड प्रणाली का उद्देश्य अधिक कुशल और उच्च वेतन वाले पेशेवरों को प्राथमिकता देना है, लेकिन यह कम अनुभवी आवेदकों और छोटी कंपनियों के लिए चुनौतियां पैदा कर सकती है। भारतीय पेशेवरों, जो इस वीजा के प्रमुख लाभार्थी हैं, को इस बदलाव के लिए तैयार रहना होगा।
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