वकील ने दी जानकारी
ब्रिटिश परिवारों के वकील जेम्स हीली ने बताया कि 12 जून को अहमदाबाद में एयर इंडिया की उड़ान AI171 के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद 12-13 शवों को यूके भेजा गया था। इनमें से दो परिवारों को डीएनए विश्लेषण के बाद बताया गया कि उन्हें जो अवशेष मिले थे, वे उनके रिश्तेदारों के नहीं थे। मामले में क्या बोले विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता
इस मामले पर विदेश मंत्रालय के
प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर ब्रिटिश पक्ष के साथ मिलकर भारत सरकार काम कर रही है। प्रवक्ता ने आगे कहा कि दुर्घटना के बाद अधिकारियों ने प्रोटोकॉल और तकनीकी आवश्यकता के अनुसार पीड़ितों की पहचान की थी।
सिविल अस्पताल ने की थी DNA सैंपलिंग
गौरतलब है कि अहमदाबाद के सरकारी सिविल अस्पताल ने डीएनए की सैंपलिंग की गई थी। एयरलाइन पहचान प्रक्रिया या शवों को सौंपने में शामिल नहीं थी। शवों के अवशेषों को ले जाने वाले ताबूतों को अंतरराष्ट्रीय आपातकालीन सेवा केन्यन की सुविधा वाले एयर इंडिया कार्गो द्वारा यूके भेजा गया था।
एयर इंडिया भी कर रही मामले की जांच
एयर इंडिया ने कहा कि वह मामले की जांच कर रही है, लेकिन उसने कथित बॉडी मिक्स-अप के संबंध में कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की है।
क्या है पूरा मामला
बता दें कि 12 जून को लंदन जाने वाली उड़ान संख्या AI171 के रूप में संचालित बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर ने अहमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से दोपहर लगभग 1:30 बजे उड़ान भरी थी। कुछ ही क्षणों बाद विमान शहर के मेघानीनगर इलाके में स्थित बीजे मेडिकल कॉलेज के आवासीय परिसर में दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिससे आग तेज़ी से फैल गई। विमान में सवार 242 यात्रियों और चालक दल के सदस्यों में से केवल एक ही जीवित बचा था।