पुजारी के परिवार का बहिष्कार
पिरझलार गांव में देवनारायण मंदिर की सेवा पूजा का काम पिछले 15-20 साल से पूनमचंद चौधरी का परिवार करता आ रहा है। मंदिर कच्चा होने और जगह कम होने के कारण ग्रामीणों ने पास में ही नया मंदिर बनाने का फैसला लिया है लेकिन पुजारी पूनमचंद नया मंदिर बनानने के पक्ष में नहीं थे उन्होंने जब इसका विरोध किा तो ग्रामीणों ने गांव में सामूहिक पंचायत बुलाई। पंचायत में पुजारी परिवार को भी बुलाया गया लेकिन जब पूनमचंद व उनके परिवार के लोग पंचायत में नहीं पहुंचे तो ग्रामीणों की पंचायत में बड़ा फैसला लेते हुए पुजारी के पूरे परिवार का हुक्का पानी बंदकर सामूहिक बहिष्कार कर दिया गया।

फैसले का उल्लंघन करने पर 51 हजार का जुर्माना
गांव में 14 जुलाई को पंचायत बुलाई गई थी जिसमें पुजारी के परिवार को बहिष्कार करने का फरमान जारी हुआ। बकायदा माइक पर अलाउंस कर पुजारी के परिवार का हुक्का पानी बंद करने के साथ ही, उनके घर जाने, शादी-त्यौहार में शामिल होने, साथ में बैठकर चाय-नाश्ता करने और यहां तक की बात करने पर तक पाबंदी लगाए जाने का ऐलान किया गया जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है। इस बात का भी माइक से ऐलान किया गया कि अगर किसी ने पंचायत के फैसले का उल्लंघन किया तो उसे 51 हजार रूपये जुर्माना देना होगा।
पुजारी के परिवार परेशान, कलेक्टर ने कही जांच की बात
पंचायत के इस फैसले के बाद पुजारी पूनमचंद का परिवार परेशान है। पूनमचंद के बेटे कमल चौधरी ने बताया कि प्राचीन देव धर्मदाज मंदिर के जिर्णोद्धार के लिए समाजजनों ने राशि एकत्र की थी। गांव के कुछ प्रभावी लोग समाजजनों से मिल निजी हित के लिए मंदिर को अन्यत्र ले जाने का प्रयास कर रहे हैं। प्रकरण न्यायालय में भी विचाराधीन है। इसके बावजूद दो दिन पहले पंचायत बुलाकर उनके परिवार का सामाजिक बहिष्कार कर दिया। बच्चों को स्कूल भी नहीं आने दे रहे। खेत में दवा छिड़कना है लेकिन कोई मजदूर नहीं आ रहा है। वहीं इस मामले में कलेक्टर रोशन कुमार सिंह ने पत्रिका को बताया कि पुजारी के परिवार के सामाजिक बहिष्कार की शिकायत मिली है। प्रकरण में परीक्षण के निर्देश दिए गए हैं।