जड़पा गांव के किसान किशन सिंह परमार के 9 साल के बेटे रमेश और 11 साल की बेटी भावना, रोज की तरह गांव के बाहर जड़ का तालाब के किनारे अपनी भैंसें चरा रहे थे। रमेश पढ़ाई में तेज था, अभी कक्षा 6 में था। बहन भावना ने कुछ समय पहले ही पढ़ाई छोड़ दी थी, मगर भाई के हर काम में उसकी परछाईं बनकर साथ चलती थी।
रमेश ने पानी में छलांग लगा दी। रमेश कुछ ही पल में गहरे पानी में समा गया। तालाब किनारे बैठी भावना की नजर भाई पर पड़ी तो वह दौड़ती हुई आई। भाई की छटपटाहट देख उसने तालाब में छलांग लगा दी। लेकिन अफसोस न वो रमेश को बचा पाई और न खुद बाहर लौट पाई। ऐसे में दोनों की मौत हो गई। हादसे के बाद गांव में शोक की लहर दौड़ गई। वहीं परिवार में कोहराम मच गया।
मां- पिता करते रहे इंतजार
इधर रविवार देर शाम तक दोनों भाई-बहन घर नहीं पहुंचे तो मां-पिता को चिंता हुई। पिता किशनसिंह उन्हे तलाशते हुए तालाब के पास पहुंचे। उसने तालाब के बाहर चप्पले देख वह सन्न रह गया। वह जोर-जोर से चिल्लाने लगा। जानकारी लगने पर भाजपा नेता भवानी सिंह झाला और गांव के कई लोग मौके पर आए। पुलिस को सूचना दी। केलवाड़ा थाने से एएसआई रोशनलाल रैगर और हेड कांस्टेबल अजय सिंह पुलिस जाब्ते के साथ मौके पर पहुंचे। दोनों मासूमों के शव तालाब से बाहर निकाले। दोनों के शव केलवाड़ा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र की मोर्चरी में रखवाया।