ED Arrested Chaitanya Baghel: आरोप-प्रत्यारोप का दौर
इसका उपयोग कब कहां कैमे उपयोग करना है यह निर्देश चैतन्य बघेल देते थे। यह खेल
आबकारी घोटाले में शामिल सिंडिकेट द्वारा संचालित किया जा रहा था।
वह घोटाले की रकम चैतन्य के पास भेजते थे। उनके निर्देश पर एक हिस्सा तत्कालीन पीसीसी अध्यक्ष राम गोपाल अग्रवाल को दिया गया। ईडी की छापेमारी और गिरफ्तारी का सिलसिला शुरू होते ही अग्रवाल फरार हो गए। जांच एजेंसी अब भी उनकी तलाश कर रही है।
मनी लॉन्ड्रिंग के साथ मनी लेयरिंग भी…
ईडी का आरोप है कि चैतन्य ने आबकारी घोटाले से हुई आय में करीब 1000 करोड़ रुपए को विभिन्न माध्यमों से निवेश किया और उस आपराधिक धन को निष्कलंक संपत्ति साबित करने की कोशिश (मनी लेयरिंग) की। ईडी ने अपने रिमांड आवेदन में बताया है कि चैतन्य ने मनी लॉन्ड्रिंग के साथ साथ मनी लेयरिंग के आरोपी हैं। वसूली की रकम में कथित तांत्रिक केके श्रीवास्तव को 80 से 100 करोड़ की राशि दी गई थी। वन मंत्री केदार कश्यप ने कहा की
छत्तीसगढ़ को बेचने के लिए भूपेश बघेल की सरकार ने कई हथकंडे अपनाए थे। दिल्ली के दस जनपथ से आए निर्देशों के तहत प्रदेश में जनविरोधी फैसले लिए। शराब, महादेव, पीएसी और डीएमएफ जैसे घोटालों के जरिए जनता के पैसों की खुली लूट की। अब वे अपने को निर्दोष साबित करने झूठ का सहारा ले रहे हैं।-,
बेटे चैतन्य से मिले भूपेश बघेल
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने रविवार को दोपहर में अपने बेटे चैतन्य से ईडी कार्यालय में मिलने पहुंचे। बता दें कि ईडी ने चैतन्य बघेल से पूछताछ के बाद शुक्रवार को गिरफ्तार कर दोपहर में कोर्ट में पेश किया था, जहां कोर्ट ने सुनवाई के बाद पांच दिन की रिमांड पर भेज दिया था। पत्रकारों से चर्चा के दौरान पूर्व सीएम बघेल ने बताया कि चैतन्य की गिरफ्तारी के बाद सबसे पहला राहुल गांधी का और उसके बाद प्रियंका गांधी का फोन आया था।