Good News: राजस्थान के 5 जिलों की खुली जेल में खुलेंगे पेट्रोल पम्प, सजा के साथ सुधार की नई दिशा की पहल
मंदसौर रोड स्थित जिला जेल की खुली जेल में सजा काट रहे बंदियों के लिए एक नई पहल शुरू हो रही है। अब उन्हें मजदूरी के लिए जेल से बाहर नहीं जाना पड़ेगा। क्योंकि उनके लिए जेल परिसर में ही पेट्रोल पंप खोला जा रहा है।
प्रतापगढ़ में खुली जेल में कैदी चलाएंगे पेट्रोल पंप, पत्रिका फोटो
Pratapgarh News: अब जेल की दीवारें सिर्फ बंदी बनाने की नहीं, नई संभावनाएं गढ़ने की भी गवाह बनेंगी। प्रतापगढ़ की खुली जेल में बंदियों के जीवन को एक नई दिशा देने की पहल की जा रही है। जहां उन्हें मजदूरी के लिए रोजाना बाहर नहीं जाना पड़ेगा। बल्कि अब उन्हें अपने ही जेल परिसर में सम्मानजनक रोजगार मिलेगा। इसके लिए जेल में ही पेट्रोल पंप खोलने की कवायद शुरू की गई है। इससे न केवल प्रशासनिक नवाचार है। बल्कि यह सामाजिक पुनर्वास का सशक्त कदम भी है। यह व्यवस्था उन बंदियों को आत्म निर्भरता, सुरक्षा और समाज के प्रति अपनी उपयोगिता का अवसर देगी, जो अपने अपराध की सजा भुगतते हुए बेहतर इंसान बनने की राह पर हैं। प्रतापगढ़ ही नहीं, प्रदेश के अन्य जिलों में भी इसी मॉडल को अपनाने की तैयारी है, जिससे सजा अब सुधार का पर्याय बनती नजर आ रही है।
पेट्रोल पंप खुलने के बाद इन्हें अपने ही जेल परिसर में योग्यता के अनुसार रोजगार मिलेगा। यह पंप तेल कंपनी द्वारा शुरू किया जाएगा, जिसकी लागत करीब डेढ़ से दो करोड़ रुपए होगी। संचालन की पूरी जिम्मेदारी कंपनी की होगी। जबकि मॉनिटरिंग का कार्य जेल प्रशासन द्वारा किया जाएगा। पेट्रोल पंप पर सबसे पहले योग्यता के आधार पर उन्हीं 15 बंदियों को काम पर लगाया जाएगा। जो वर्तमान में खुली जेल में सजा काट रहे हैं। आवश्यकता होने पर अन्य जिलों से भी बंदियों को बुलाया जाएगा और उन्हें यहां काम दिया जाएगा।
खुली जेल में है 15 बंदी
शहर के मंदसौर रोड स्थित जिला जेल की खुली जेल में सजा काट रहे बंदियों के लिए एक नई पहल शुरू हो रही है। अब उन्हें मजदूरी के लिए जेल से बाहर नहीं जाना पड़ेगा। क्योंकि उनके लिए जेल परिसर में ही पेट्रोल पंप खोला जा रहा है। वर्तमान में प्रतापगढ़ की खुली जेल में 15 बंदी सजा काट रहे हैं। अब तक इन बंदियों को मजदूरी के लिए रोजाना सुबह 6 बजे हाजिरी देकर जेल से बाहर भेजा जाता है और शाम को 7 बजे लौटकर दोबारा हाजिरी देनी होती है। लेकिन अब यह रोज का आना-जाना नहीं करना पड़ेगा।
जेल परिसर में निर्माण कार्य शुरू
यहां खुली जेल में पेट्रोल पंप खोलने के प्रस्ताव सरकार को भेजे गए थे। जहां से स्वीकृति मिल गई है। इसके साथ खुली जेल में इसके लिए जमीन का आवंटन भी हो चुका है। वहीं कार्य भी शुरू हो चुका है।बहुत जल्द यह सुविधा शुरू कर दी जाएगी। किशनचंद मीणा, अधीक्षक, जिला जेल प्रतापगढ़
5 जिलों की खुली जेल में खुलेंगे पेट्रोल पंप
ये बंदी जेल परिसर में आने-जाने वाले वाहनों में पेट्रोल-डीजल डालने का कार्य करेंगे। अधीक्षक ने यह भी कहा कि इन पेट्रोल पंपों पर उन्हीं बंदियों को लगाया जाएगा जिन्हें अदालत से सजा मिल चुकी है। प्रतापगढ़ की खुली जेल में बंद अधिकांश बंदी हत्या जैसे गंभीर मामलों में सजा काट रहे हैं। कुछ बंदी अपने परिवार के साथ तो कुछ अकेले हैं।
खास बात यह है कि यह योजना केवल प्रतापगढ़ तक सीमित नहीं रहेगी। प्रदेश के अन्य पांच जिलों झुंझुनूं, बारां, चूरू, सीकर और अजमेर में भी इसी मॉडल पर खुली जेलों के भीतर पेट्रोल पंप खोले जा रहे हैं। जिससे बंदियों को सुरक्षित, संरक्षित और सम्मानजनक रोजगार मिल सके।
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