आरएलपी की जन आक्रोश रैली, रात को दो बजे कलक्टर पहुंचे धरना स्थल, मांगों पर जताई सहमति
सांसद हनुमान बेनीवाल ने कहा : लोकतंत्र में जनता की आवाज को नहीं दबा सकता शासन -प्रशासन, बेनीवाल के निशाने पर रही राज्य सरकार, नागौर एसपी पर लगाए गंभीर आरोप
नागौर. पशु प्रदर्शनी स्थल पर मंगलवार को राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी की ओर से जन आक्रोश रैली आयोजित की गई। रैली को संबोधित करते हुए पार्टी के सुप्रीमो नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने कहा कि प्रदेश सरकार से हर हाल में जनता की मांगे पूरी करवाएंगे। इस दौरान आमतौर पर समर्थकों को संयम बरतने की हिदायत देने वाले सांसद बेनीवाल मंगलवार को सरकार से लड़ने की बात कहते नजर आए। उन्होंने कहा कि डेढ़ घंटे का समय दिया है, सरकार उनकी मांगें मानती है तो ठीक, नहीं तो कलक्ट्रेट कूच करेंगे और रास्ते में लगाए गए बेरिकेड उखाड़ फेंकेंगे।
सांसद बेनीवाल ने आरोप लगाया कि जिले में अराजकता का माहौल हैं, पुलिस अधीक्षक और पूर्व सांसद सहित भाजपा के नई नेता बजरी के अवैध कारोबार में लिप्त हैं। उन्होंने हाल ही में रियांबड़ी में बजरी के मुद्दे को लेकर हुए आंदोलन का जिक्र किया। उन्होंने कहा हमने पहले भी एक माफिया को यहां से भगाया था, अब जो यह गैंग वहां घूम रही है, उसको भी भगाएंगे। उन्होंने जिले के सरकारी कार्यालयों में व्याप्त भ्रष्टाचार का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा नागौर से उठी यह चिंगारी प्रदेश में एक कड़ा संदेश लेकर जाएगी, क्योंकि सत्ता से लेकर व्यवस्था परिवर्तन में नागौर व डीडवाना – कुचामन जिले की प्रदेश में बड़ी भूमिका रहती है। सभा को खींवसर के पूर्व विधायक नारायण बेनीवाल, मेड़ता की पूर्व विधायक इंदिरा देवी बावरी, खींवसर से रालोपा उम्मीदवार रही कनिका बेनीवाल सहित कई नेताओं ने संबोधित किया।
राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी की जन आक्रोश रैलीअभिव्यक्ति की आजादी को कुचलने का प्रयास सांसद ने कहा कि ‘भजनलाल हटाओ, राजस्थान बचाओ’हैश टैग के साथ सरकार के खिलाफ आक्रोश प्रकट करते हुए युवाओं ने सरकार को हिला दिया, जिससे सरकार बौखला गई। आरएलपी के कई कार्यकर्ताओं को नोटिस भेजे गए, लेकिन अभिव्यक्ति की आजादी को कुचलने का सरकार जो प्रयास कर रही है, उससे हम डरने वाले नहीं हैं। सांसद ने छात्र संघ चुनाव करवाने की मांग दोहराते हुए पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर भी कई आरोप लगाए।
सांसद की चेतावनी के बाद अलर्ट हुआ प्रशासन सांसद बेनीवाल ने कहा कि अब रोज-रोज का झंझट नहीं रखेंगे। मांगों पर सहमति बनी तो ठीक, नहीं तो यहीं अनिश्चितकालीन धरना देंगे। जरूरत पड़ी तो कलक्ट्रेट की तरफ कूच करेंगे और पुलिस ने बेरिकेड लगाए हैं, वे फेंक देंगे। बेनीवाल की चेतावनी के बाद दिन भर से सुस्त बैठे पुलिसकर्मी अलर्ट हो गए। कलक्ट्रेट की ओर जाने वाले रास्तों पर बल्लियां लगाकर यातायात बंद कर दिया।
राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी की जन आक्रोश रैलीअंधेरा पड़ने तक जारी रहा भाषण अंधेरा होने तक सांसद बेनीवाल का भाषण चलता रहा। सभा स्थल पर बेनीवाल करीब साढ़े चार बजे पहुंचे, इसके पहले कई वक्ताओं ने रैली को संबोधित कर राज्य सरकार की नीतियों का विरोध करते हुए स्थानीय पुलिस प्रशासन पर भी सत्ता के इशारे पर काम करने का आरोप लगाया। सांसद का भाषण पूरा होने के बाद जिला प्रशासन की ओर से सीईओ रविन्द्र कुमार, एएसपी सुमित कुमार, एसडीएम गोविन्दसिंहभींचर सहित अन्य अधिकारी मंच पर पहुंचे तथा बेनीवाल से मांग पत्र लेने के बाद जिला कलक्टर से वार्ता के लिए कलक्ट्रेट पहुंचे।
नागौर बना पुलिस छावनी आरएलपी की जन आक्रोश रैली व कलक्ट्रेट कूच की चेतावनी को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने पूरे शहर में सुरक्षा के पुख्ता बंदोबस्त किए। पुलिस ने जगह-जगह बेरिकेड लगाकर पुलिस बल तैनात किया। शाम सात बजे बाद कलक्ट्रेट की ओर जाने वाले हर रास्ते पर यातायात बंद कर दिया। कलक्ट्रेट व सभा स्थल के बाहर बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात रहा।
रात को दो बजे कलक्टर पहुुंचे धरना स्थल, मांगों पर जताई सहमतिदूसरे जिलों से भी पहुंचे समर्थक रैली में भाग लेने के लिए नागौर के अलावा प्रदेश के अन्य जिलों से भी बड़ी संख्या में आरएलपी समर्थक नागौर पहुंचे। खास तौर पर बाड़मेर, जयपुर, डीडवाना-कुचामन, सीकर, अजमेर, पाली, बीकानेर, जैसलमेर, चूरू, झुंझुनूं, टोंक आदि जिलों के लोग वाहनों से नागौर पहुंचे।
नागौर एसपी रहे निशाने पर जन आक्रोश रैली में नागौर एसपी नारायण टोगस, सांसद बेनीवाल सहित अन्य वक्ताओं के निशाने पर रहे। पूर्व विधायक नारायण बेनीवाल ने एसपी के खिलाफ अध्यापक रहते जनवरी 1997 में पाली जिले के आनंदपुरा कालू थाने में दर्ज एक मामले के बारे में जानकारी देकर उन पर गंभीर आरोप लगाए। सांसद ने कहा कि वे इस मामले को लोकसभा में उठाएंगे।
मांग पत्र में इन मांगों को किया शामिल सांसद हनुमान बेनीवाल की ओर से मुख्यमंत्री के नाम सौंपे गए ज्ञापन में कुल 20 मांगों को शामिल किया गया, जो इस प्रकार है- – मेड़ता -पुष्कर व मेड़ता- रास रेलवे लाइन के लिए भूमि अवाप्ति के लिए किसानों की ओर से दी गई आपत्तियों का निस्तारण किए बिना ही भूमि अधिग्रहण का कार्य शुरू कर दिया व मुआवजा निर्धारण अत्यंत कम है, इसलिए आपत्तियों का निस्तारण ग्रामीणों के साथ बैठकर निस्तारण किया जाए और मुआवजा बढ़ाने का प्रस्ताव भेजा जाए।
– जयपुर- नागौर -फलौदी की कनेक्टिविटी के लिए प्रस्तावित थार एक्स्प्रेस-वे के लिए गलत रूप से सर्वे करवाया जा रहा है, इस परियोजना में 60 प्रतिशत से अधिक भूमि नागौर व डीडवाना -कुचामन जिले के किसानों से अवाप्त होगी, इसलिए इसके प्रस्तावित सर्वे को सार्वजनिक साझा करके आपत्तियां मांगी जाए।
– नागौर जिले के डिस्कॉम कर्मी किरण, श्रीबालाजी थाना अधिकारी की गाड़ी चढ़ाकर हत्या कर देने जैसे ब्लाइंड मर्डर के साथ अन्य सभी मामलों का खुलासा करने करने को विशेष टीमों का गठन किया जाए।
– नागौर जिले में खुलासे से वंचित चोरी, नकबजनी के मामलों के लिए विशेष टीमों का गठन किया जाए और विगत एक वर्ष में चोरी के ऐसे मामले जिनमें पुलिस ने बिना खुलासा किए एफआर दे दी, उन्हें री-ओपन करवाया जाए।
– अम्बुजा सीमेंट फैक्ट्री के बाहर आंदोलित लोगों की समस्या व मांग का तत्काल निस्तारण करवाया जाए। – जेएसडब्ल्यू सीमेंट कम्पनी के खिलाफ चल रहे ग्रामीणों के आन्दोलन का सकारात्मक समाधान निकला जाए।
– जिले में सीमेंट कम्पनियों सहित अन्य कम्पनियों, सीमेंट फैक्टरियों को मिली पर्यावरण अनापत्ति की पुन: जन सुनवाई करवाकर राज्य स्तर टीम से समीक्षा करवाई जाए। – सोलर कम्पनियों की ओर से खेजडी व अन्य वृक्षों की कटाई करने पर प्रतिबंध लगाया जाए।
– श्रम विभाग व समाज कल्याण विभाग सहित अन्य विभागों में समाचार पत्रों तथा अन्य माध्यमों से जिला प्रशासन के संज्ञान में एक वर्ष में आई शिकायतों की जांच एसीबी से करवाई जाए, ताकि संस्थागत भ्रष्टाचार पर लगाम लगे।
– प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में लंबित क्लेम जल्द से जल्द किसानों को दिलाया जाए। – प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में बीमा कम्पनियों व दलाल-माफियाओं के साथ गठजोड़ के मामले समाचार पत्रों के माध्यम से संज्ञान में आए हैं, विगत पांच वर्षों में ऐसे क्लेम से जुड़े मामलों की जांच राज्य की एजेंसी एसओजी / एसीबी से करवाई जाए।
– पशु मेलों में पशुपालकों की ओर से विक्रय किए गए पशुओं के परिवहन में आ रही समस्या का निस्तारण किया जाए। – हाल ही में रियां बड़ी में बजरी माफिया के खिलाफ हुए आन्दोलन के दौरान जिन लीजों के सर्वे की मांग हुई उनका मैन्युल सत्यापन करवाया जाए।
– रियां बड़ी में बजरी माफिया के खिलाफ हुए आन्दोलन के बाद दर्ज हुए मुकदमों की जांच राजस्थान पुलिस के महानिदेशक के निर्देशन में करवाई जाए। – सभी कृषि कनेक्शनों के लंबित ट्रांसफार्मर व अन्य सामान तत्काल किसानों को उपलब्ध करवाया जाएं।
-घरों में लगने वाले स्मार्ट मीटर उपभोक्ता की मर्जी के खिलाफ नहीं लगाए जाएं। – नागौर संसदीय क्षेत्र में सभी किसानों को लंबित कृषि कनेक्शन शीघ्र जारी किए जाएं। – लाइम स्टोन के खनन के छोटे पट्टे किसानों को उनकी खातेदारी में देने के लिए प्रस्ताव भेजा जाए।
– डीएमएफटी के अंतर्गत 29 सितम्बर 2023 को वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव को नागौर जिले व नागौर संसदीय क्षेत्र में 906.5 लाख रुपए की राशि के भेजे गए विकास कार्यों के प्रस्तावों की वित्तीय स्वीकृति तत्काल जनहित में निकाली जाए।
– 6 जून 2024 को हनुमान बेनीवाल ने बतौर खींवसर विधायक रहते हुए विभिन्न विकास कार्यों की विधायक कोष से भेजी गई अभिशंसाओं की, जो लगभग पांच करोड़ रुपए की थी, उनकी जनहित को देखते हुए तत्काल वित्तीय स्वीकृति जारी की जाए।
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