एक पखवाड़े पहले जहां आलू, प्याज के दाम 20 से 30 रुपए और टमाटर 10 से 20 रुपए किलो बिक रहा था, मानसून सक्रिय होने के बाद सब्जियों के दाम बढ़ना शुरु हो गए। सब्जियों ने घर की रसोई का बजट बिगाड़ दिया है। दाम में उछाल आने से रसोई में लगने वाले तड़के की महक कम हो गई है। रसोई की कुछ सब्जियों के दाम विगत एक माह की अपेक्षा काफी बढ़ गए है, जिसका असर घर की रसोई में देखा जा सकता है। (mp news)
आसमान छूती कीमतें
बढ़ती कीमतों के कारण आलू, प्याज और टमाटर रसोई से गायब करने पर आमादा हैं। जिससे मध्यम वर्गीय और गरीबों की थाली में ये सब्जियां गायब हो रही हैं। खाने-पीने की वस्तुएं महंगी होने से रसोई का बजट भी गड़बड़ा गया है। हाउसवाइफ परेशान हैं कि इसे कैसे मैनेज किया जाए। एक माह पहले जहां आलू 20 रुपए, टमाटर 20 रुपए, प्याज 25 रुपए था, जो बढ़कर 40 से 60 रुपए के आसपास हो गया है।
जेब में महंगाई की मार
महिलाओं ने बताया कि घरों में सबसे ज्यादा बनाए जाने वाली सब्जी में टमाटर, आलू के दाम भी इन दिनों बढ़ गए है, जिससे महिलाओं की रसोई का बजट बिगड़ गया है। कुछ हरी सब्जियां के दाम कम तो है, वहीं कुछ सब्जियों के दाम कम नहीं है। हरी सब्जियों के साथ फलों के दाम भी आसमान छू रहे हैं। मौसम बदलाव और स्थानीय कछारों की सब्जियों की आवक कम होने से सब्जियों की कीमतों पर पड़ रहा है। वहीं थोक मंडी की तुलना में फुटकर बाजार में सब्जियां महंगी बिक रही हैं। इससे उपभोक्ताओं की जेब पर महंगाई की मार पड़ रही है।
घर चलाने में मुश्किल
सब्जियों के बढ़ते दाम ने घर का बजट बिगाड़ दिया है। ऐसे में आम आदमी की थाली से सब्जी-भाजी गायब हो रही है। बाजार से फल खरीद कर खाने के बारे में गरीब आदमी सोच भी नहीं सकता। स्वस्थ रहने के लिए संतुलित आहार बहुत जरूरी है। लेकिन इस मंहगाई ने संतुलित आहार का संतुलन ही बिगाड़ दिया है।-संगीता पटेल, गृहिणी बढ़ती मंहगाई में आमदनी अठन्नी, खर्चा रुपैया वाली कहावत सच साबित हो रही है। मिडिल क्लास परिवार के पास आमदनी बढ़ाने का कोई जरिया नहीं है, उस पर से मंहगाई सुरसा के मुंह की तरह बढ़ती ही जा रही है, जो बचत अपने सपने और बच्चों के भविष्य के लिए एकत्र कर रहे हैं। वहीं मंहगाई बढ़ने से मध्यम वर्गीय परिवार की मुसीबत बढ़ती ही जा रही है।- इंदिरा वरकडे, गृहिणी