उत्तर प्रदेश के सभी अधिकारी और कर्मचारियों के लिए मिशन कर्मयोगी शुरू किया गया है। मिशन कर्मयोगी का उद्देश्य सरकारी कर्मचारियों की कार्य शैली और व्यवहार में सुधार लाना है। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के जारी आदेश में कहा गया है कि सभी चिकित्सकों, अधिकारियों और कर्मचारी केंद्र सरकार से विकसित कर्मयोगी पोर्टल पर पंजीकरण करा प्रशिक्षण प्राप्त कर लें।
तीन कार्य दिवस में पूरा करें
महानिदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं डॉक्टर रतनपाल सिंह सुमन ने अपने आदेश में कहा है कि कुल 6 प्रशिक्षण लेना होगा और उनके प्रमाण पत्र कार्यालय में जमा कर दें। यह कार्य तीन कार्य दिवस के अंदर करना जरूरी है। ऐसा नहीं करने वाले कर्मचारियों, अधिकारियों का अगले माह का वेतन जारी नहीं किया जाएगा। शासन स्तर पर हुई समीक्षा बैठक में यह जानकारी निकाल कर सामने आई थी कि कर्मयोगी पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन और प्रशिक्षण प्राप्त करने में लापरवाही बरती जा रही है। जिसके बाद यह आदेश जारी किया गया है।
क्या है कर्मयोगी प्रमाण पत्र?
केंद्र सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के लिए इगोट कर्मयोगी प्लेटफार्म विकसित किया है। जिस पर रजिस्ट्रेशन और प्रशिक्षण की सुविधा मिलती है। प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद सरकारी कर्मचारियों को दक्षता और कौशल का प्रमाण पत्र जारी किया जाता है। iGOT कर्मयोगी प्लेटफॉर्म ऑनलाइन प्रशिक्षण देता है। इसमें कई प्रकार के पाठ्यक्रम उपलब्ध है। जिनमें डिजिटल कौशल, सरकारी नीतियों, कार्य प्रक्रिया शामिल है। सफलता पूर्वक प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद iGOT कर्मयोगी प्रमाण पत्र देता है। इसे ही संबंधित विभागों में जमा करना होगा।