डिजिटल बदलाव की ओर एलडीए का बड़ा कदम
एलडीए के अपर सचिव ज्ञानेंद्र वर्मा ने बताया कि वर्तमान पोर्टल में कई प्रकार की तकनीकी और सेवा से जुड़ी सीमाएं हैं, जिससे न केवल उपभोक्ताओं को दिक्कत होती है बल्कि विभागीय कामकाज में भी रुकावट आती है। अब जो नया पोर्टल तैयार हो रहा है, उसमें आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया गया है, जिससे न केवल सेवाओं की रफ्तार बढ़ेगी, बल्कि विश्वसनीयता और पारदर्शिता भी सुनिश्चित की जा सकेगी। नए पोर्टल की प्रमुख विशेषताएं
- ऑनलाइन संपत्ति आवंटन प्रणाली: अब फ्लैट, प्लॉट और व्यावसायिक संपत्तियों का आवंटन ऑनलाइन बोली और पंजीकरण प्रक्रिया के तहत होगा।
- डिजिटल पेमेंट गेटवे : पोर्टल पर सीधे नेट बैंकिंग, यूपीआई, क्रेडिट/डेबिट कार्ड से भुगतान किया जा सकेगा।
- संपत्ति विवरण का ट्रैकिंग सिस्टम: आवंटन से लेकर पजेशन तक की स्थिति को नागरिक लॉगइन कर ट्रैक कर सकेंगे।
- ई-डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन और सबमिशन: अब कागजी दस्तावेजों की जगह ऑनलाइन दस्तावेज अपलोड करके वेरिफिकेशन संभव होगा।
शिकायत निवारण प्रणाली (Grievance Redressal System)
- नागरिक किसी भी समय अपनी समस्या पोर्टल पर दर्ज कर सकते हैं और उसे ट्रैक भी कर सकते हैं।
- बिल्डिंग प्लान अप्रूवल और NOC
- निर्माण की अनुमति, नक्शा पास कराने से लेकर NOC तक की प्रक्रियाएं भी ऑनलाइन की जा सकेंगी।
- पुराना पोर्टल क्यों हो रहा है अप्रासंगिक
- एलडीए का मौजूदा पोर्टल वर्षों पुराना है, जो आज की डिजिटल जरूरतों के लिहाज से काफी पिछड़ गया है:
- भुगतान गेटवे में बार-बार त्रुटियां आती हैं
- आवंटन से संबंधित डेटा अक्सर अपडेट नहीं रहता
- उपयोगकर्ता इंटरफेस जटिल और धीमा है
- मोबाइल फ्रेंडली नहीं होने से आम उपयोगकर्ता को परेशानी होती है
- नया पोर्टल इन सभी समस्याओं का समाधान लेकर आएगा।
कैसे बदलेगा उपयोगकर्ता का अनुभव
नया पोर्टल एलडीए और जनता के बीच की दूरी को कम करेगा। अब नागरिक: - अपने मोबाइल से ही आवेदन कर पाएंगे
- सभी जानकारी रियल टाइम में प्राप्त कर सकेंगे
- आरटीई (रियल टाइम एंट्री) के जरिए दस्तावेज सत्यापन करा सकेंगे
- लंबी कतारों और कार्यालय चक्कर से मुक्ति मिलेगी
ई-गवर्नेंस की दिशा में बड़ा कदम
यह नया पोर्टल न केवल तकनीकी सुधार है, बल्कि ई-गवर्नेंस की दिशा में उत्तर प्रदेश सरकार का एक ठोस कदम है। डिजिटल इंडिया मिशन के तहत सरकारी सेवाओं को लोगों के दरवाजे तक पहुंचाने की कोशिश अब एलडीए ने भी अपने स्तर पर शुरू कर दी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पहले ही सरकारी संस्थाओं को पूरी तरह पारदर्शी और जनता के अनुकूल बनाने पर जोर दे चुके हैं। एलडीए का यह कदम उसी नीति का विस्तार है।
विकास और निवेश को मिलेगा बढ़ावा
नया पोर्टल सिर्फ सुविधाओं को ऑनलाइन नहीं करेगा, बल्कि इससे रियल एस्टेट क्षेत्र में निवेश को भी बढ़ावा मिलेगा: - निवेशकों को भरोसेमंद और सरल प्लेटफॉर्म मिलेगा
- बिचौलियों की भूमिका कम होगी
- समय पर डिलीवरी और पजेशन मिलने की उम्मीद बढ़ेगी
- लखनऊ शहर की स्मार्ट सिटी छवि को मजबूती मिलेगी
एलडीए कर्मचारियों को भी मिलेगा लाभ
केवल जनता ही नहीं, एलडीए के कर्मचारी और अधिकारी भी इस पोर्टल से लाभान्वित होंगे: - फाइलों का डिजिटल ट्रैकिंग आसान होगा
- कागजी कामकाज में कमी आएगी
- बायोमेट्रिक और लॉग ट्रैकिंग से जिम्मेदारी तय होगी
- विभागीय समन्वय बेहतर होगा
लॉन्चिंग की तैयारी जोरों पर
एलडीए की आईटी टीम और निजी तकनीकी सेवा प्रदाता द्वारा पोर्टल की अंतिम टेस्टिंग की जा रही है। 15 अगस्त 2025 को इसका औपचारिक उद्घाटन किया जाएगा। इस अवसर पर विभाग एक ट्रेनिंग सेशन भी आयोजित करेगा, जिसमें कर्मचारियों और जनता को पोर्टल इस्तेमाल करने की जानकारी दी जाएगी।
भविष्य की योजनाएं
- एलडीए भविष्य में इस पोर्टल को और भी सुविधाओं से लैस करेगा:
- मोबाइल ऐप लॉन्च
- जीआईएस आधारित संपत्ति मैपिंग
- AI आधारित शिकायत विश्लेषण
- रियल-टाइम चैटबॉट सहायक
- आवासीय योजनाओं की ऑनलाइन बुकिंग और आवंटन