मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार की मंशा है कि प्रदेश के किसी भी विद्यालय में शिक्षक की संख्या मानक से कम न हो। उन्होंने कहा कि शिक्षक-छात्र अनुपात को आदर्श स्थिति में लाया जाना बेहद आवश्यक है, ताकि विद्यार्थियों को गुणवत्तापरक शिक्षा प्राप्त हो सके।
रिक्त पदों पर नियुक्ति जल्द, शिक्षक-छात्र अनुपात सुधारना प्राथमिकता
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बैठक के दौरान कहा कि प्रदेश में शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारने के लिए शिक्षकों की पर्याप्त संख्या अनिवार्य है। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि जहां-जहां पद खाली हैं, वहां की जानकारी एकत्र कर तत्काल प्रस्ताव भेजा जाए, ताकि जल्द से जल्द चयन प्रक्रिया शुरू की जा सके। इस फैसले से उत्तर प्रदेश में बेसिक शिक्षा विभाग के अंतर्गत कार्यरत लाखों छात्र-छात्राओं और भविष्य में शिक्षक बनने की तैयारी कर रहे युवाओं के लिए एक नई उम्मीद जगी है। लंबे समय से शिक्षक भर्ती की प्रतीक्षा कर रहे अभ्यर्थियों को सरकार के इस निर्णय से राहत मिल सकती है। विद्यालय पेयरिंग की व्यवस्था, दूरगामी दृष्टिकोण के साथ लागू होगी योजना
सीएम योगी ने
प्रदेश भर के विद्यालयों में पेयरिंग सिस्टम को दूरदर्शी और व्यावहारिक दृष्टिकोण से लागू करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि यह व्यवस्था छात्रों, अभिभावकों और शिक्षकों तीनों के हित में है। पेयरिंग से तात्पर्य है, ऐसे विद्यालयों को एकीकृत करना, जहां छात्रों की संख्या बहुत कम है। इससे संसाधनों का बेहतर उपयोग होगा और शिक्षकों की तैनाती और शैक्षणिक सामग्री की गुणवत्ता में सुधार आएगा। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि जिन विद्यालयों में 50 से अधिक छात्र हैं, उन्हें स्वतंत्र विद्यालय के रूप में ही संचालित किया जाए।
बाल वाटिका व प्री-प्राइमरी स्कूल की नींव को मजबूत करने के निर्देश
पेयरिंग के चलते जो विद्यालय भवन खाली होंगे, मुख्यमंत्री ने उन्हें बाल वाटिकाओं, प्री-प्राइमरी स्कूल और आंगनबाड़ी केंद्रों के संचालन के लिए उपयोग में लाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि 6 से 14 वर्ष के किसी भी बच्चे को विद्यालय से वंचित नहीं रहने दिया जाएगा। इसके लिए विद्यालय प्रबंध समिति जिसमें प्रधानाध्यापक व ग्राम प्रधान शामिल होंगे उनको जिम्मेदारी दी जाएगी कि वह सुनिश्चित करें कि उनके क्षेत्र का हर बच्चा स्कूली शिक्षा से जुड़ा हो। उन्होंने निर्देश दिए कि ‘स्कूल चलो अभियान’ को प्रभावी ढंग से लागू किया जाए।
जहां आधारभूत संरचना नहीं, वहां जल्द संसाधनों की आपूर्ति सुनिश्चित करें
मुख्यमंत्री ने इस बात पर भी ज़ोर दिया कि जिन विद्यालयों में भवन, शौचालय, पेयजल, फर्नीचर आदि जैसी आवश्यक आधारभूत संरचना की कमी है, वहां अविलंब संसाधनों की आपूर्ति कराई जाए। उन्होंने कहा कि बच्चों के अध्ययन में किसी भी प्रकार की बाधा नहीं होनी चाहिए। इससे ड्रॉपआउट दर में कमी आएगी और बच्चे विद्यालयों से जुड़े रहेंगे। अभिभावकों के खातों में डीबीटी के जरिए 1200 रुपये की सहायता, पारदर्शिता हो प्राथमिकता बेसिक शिक्षा से जुड़े बच्चों को मिलने वाली सहायता राशि को लेकर भी मुख्यमंत्री ने स्पष्ट निर्देश जारी किए। उन्होंने कहा कि हर छात्र के अभिभावक के बैंक खाते में यूनिफॉर्म, जूते-मोजे, स्टेशनरी और पाठ्य सामग्री के लिए ₹1200 की राशि डीबीटी (Direct Benefit Transfer) के जरिए शीघ्रता से और पारदर्शिता के साथ भेजी जाए। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि कोई भी लाभार्थी इससे वंचित न रहे और पूरा डेटा डिजिटल प्लेटफॉर्म पर अपडेट किया जाए, जिससे प्रशासनिक निगरानी सरल हो सके।
शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार ही सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता
मुख्यमंत्री ने यह दोहराया कि उनकी सरकार शिक्षा के क्षेत्र में कोई समझौता नहीं करेगी। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि विद्यालयों में बच्चों की उपस्थिति नियमित रूप से ट्रैक की जाए, शिक्षकों की ड्यूटी में शिथिलता को बर्दाश्त न किया जाए, और शिक्षण सामग्री तथा तकनीकी संसाधनों को विद्यालयों तक समय से पहुंचाया जाए। संक्षेप में मुख्यमंत्री के निर्देश
- सभी रिक्त शिक्षक पदों पर तत्काल अधियाचन भेजें
- विद्यालयों में शिक्षक-छात्र अनुपात संतुलित हो
- पेयरिंग व्यवस्था को प्रभावी और व्यावहारिक रूप में लागू करें
- 50 से अधिक छात्रों वाले विद्यालयों को स्वतंत्र रूप से संचालित किया जाए
- खाली भवनों में बाल वाटिकाएं व प्री-प्राइमरी शिक्षा का संचालन हो
- स्कूल चलो अभियान को जनभागीदारी के साथ क्रियान्वित करें
- आधारभूत संरचना की कमी वाले विद्यालयों में संसाधनों की तत्काल आपूर्ति
- ₹1200 डीबीटी से बच्चों के अभिभावकों के खातों में पारदर्शिता के साथ भेजा जाए
शिक्षा के बुनियादी सुधारों की ओर निर्णायक कदम
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा लिया गया यह निर्णय प्रदेश में प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा प्रणाली को सशक्त बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। इससे जहां लाखों बच्चों को बेहतर शिक्षा मिलेगी, वहीं हजारों योग्य प्रशिक्षित युवाओं को नौकरी के अवसर भी प्राप्त होंगे। यह उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही शिक्षक भर्ती की नई प्रक्रिया शुरू होगी, जिससे प्रदेश के शिक्षण संस्थानों में स्थायित्व और गुणवत्ता दोनों आएंगे।