scriptDM Tehsil Day: डीएम दरबार में महिला का हंगामा, धोखाधड़ी के आरोपों के बीच हुई बेहोश | DM Tehsil Day: Woman Collapses While Protesting Fraud at DM Court in Lucknow Mohanlalganj | Patrika News
लखनऊ

DM Tehsil Day: डीएम दरबार में महिला का हंगामा, धोखाधड़ी के आरोपों के बीच हुई बेहोश

Sampurna Samadhan Diwas: लखनऊ के मोहनलालगंज तहसील में आयोजित संपूर्ण समाधान दिवस के दौरान एक महिला ने प्रॉपर्टी डीलर प्रमोद उपाध्याय पर धोखाधड़ी का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया। डीएम के सामने महिला बेहोश हो गई, जिसके बाद प्रशासन ने मामले की गंभीरता से जांच के आदेश दे दिए हैं।

लखनऊJul 19, 2025 / 06:18 pm

Ritesh Singh

मोहनलालगंज में महिला ने किया हंगामा, डीएम के सामने हुई बेहोश फोटो सोर्स : Social Media

मोहनलालगंज में महिला ने किया हंगामा, डीएम के सामने हुई बेहोश फोटो सोर्स : Social Media

DM Tehsil Day Property Fraud Case: लखनऊ के मोहनलालगंज तहसील में शनिवार को आयोजित संपूर्ण समाधान दिवस उस समय चर्चा का विषय बन गया जब एक महिला ने सभागार में प्रॉपर्टी डीलर के खिलाफ जोरदार हंगामा किया। महिला ने आरोप लगाया कि एक प्लाटिंग कंपनी के मालिक ने उसे धोखा दिया है और लंबे समय से उसे न्याय नहीं मिल रहा। मामला इतना गंभीर था कि महिला जिला अधिकारी (डीएम) के सामने ही रोने-चिल्लाने लगी और अंततः तनाव व आक्रोश के चलते बेहोश हो गई।
Sampoorna Samadhan Diwas
घटना उस वक्त हुई जब जिला अधिकारी विशाख जी अय्यर संपूर्ण समाधान दिवस में जनता की समस्याएं सुन रहे थे। इसी दौरान एक महिला अचानक उठकर डीएम के सामने आई और रोते हुए कहा कि एक प्रॉपर्टी डीलर ने उसके जीवन भर की जमा पूंजी हड़प ली है। महिला ने प्लाटिंग कंपनी के मालिक प्रमोद उपाध्याय पर गंभीर आरोप लगाए। उसके अनुसार, उसने प्रमोद उपाध्याय की कंपनी से एक भूखंड खरीदा था, जिसके लिए समय पर पूरी रकम भी अदा की गई थी। मगर महीनों बीत जाने के बाद भी उसे जमीन का कब्जा नहीं मिला और लगातार टालमटोल किया जा रहा है।
महिला का कहना है कि जब वह शिकायत लेकर कंपनी कार्यालय जाती है, तो उसे धमकाया जाता है और कभी कागजात अधूरे होने का बहाना बनाया जाता है। पीड़िता ने बताया कि प्रॉपर्टी डीलर के खिलाफ कई बार थाने में भी शिकायत की, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। जब महिला ने डीएम के सामने अपनी आपबीती सुनाई तो वहां मौजूद अधिकारी और लोग स्तब्ध रह गए। महिला की हालत भावनात्मक रूप से इतनी बिगड़ गई कि वह अचानक बेहोश हो गई। मौके पर मौजूद पुलिस और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने तत्परता दिखाते हुए तुरंत उसे प्राथमिक उपचार के लिए नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र भेजा।
Sampoorna Samadhan Diwas
घटना की गंभीरता को देखते हुए डीएम अधिकारी विशाख जी अय्यर ने तत्काल प्रभाव से एक जांच समिति गठित करने के आदेश दिए हैं। उन्होंने बताया कि जिला प्रशासन इस तरह की घटनाओं को बर्दाश्त नहीं करेगा और पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए हर संभव प्रयास करेगा। साथ ही उन्होंने तहसील स्तर के अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे प्रॉपर्टी से संबंधित विवादों को प्राथमिकता पर लें और तत्काल समाधान की दिशा में कदम उठाएं।
डीएम ने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि लोग अपनी जीवन भर की कमाई से घर या प्लॉट खरीदते हैं और फिर ऐसे फर्जी डीलरों के चक्कर में फंस जाते हैं। उन्होंने आम जनता से भी अपील की कि किसी भी प्रॉपर्टी डीलिंग से पहले भूमि का सत्यापन अवश्य करें और रजिस्टर्ड कंपनी या अधिकृत एजेंट के माध्यम से ही सौदे करें। इस बीच तहसीलदार मोहनलालगंज और संबंधित राजस्व निरीक्षक को निर्देश दिए गए हैं कि वे मामले की बारीकी से जांच करें और सात दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट जिलाधिकारी को सौंपें। यदि जांच में प्रमोद उपाध्याय दोषी पाए जाते हैं, तो उनके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी। मौके पर मौजूद अन्य लोगों ने भी प्रशासन से अपील की कि प्रॉपर्टी विवादों को हल्के में न लिया जाए। कई बार लोगों को धोखाधड़ी का शिकार होना पड़ता है और उन्हें न्याय के लिए वर्षों भटकना पड़ता है।
Sampoorna Samadhan Diwas
महिला की पहचान फिलहाल उजागर नहीं की गई है, लेकिन उसके परिवार के सदस्यों ने बताया कि वह पिछले छह महीनों से न्याय की गुहार लगा रही है। उन्होंने कहा कि प्रशासन को तत्काल ऐसी कंपनियों की छानबीन करनी चाहिए जो आम जनता को झूठे वादों के आधार पर फंसाते हैं। इस घटना ने न केवल प्रशासन को झकझोर दिया है बल्कि एक बार फिर यह मुद्दा उठाया है कि आम नागरिकों की जमीन और मकान से जुड़ी समस्याएं किस हद तक गंभीर हो सकती हैं।
डीएम के निर्देश पर अब राजस्व विभाग और पुलिस की संयुक्त टीम इस मामले की जांच करेगी और जल्द ही दोषियों को कानून के दायरे में लाने का प्रयास किया जाएगा। जनता को भी अपील की गई है कि वे प्रशासन को ऐसी धोखाधड़ी की घटनाओं की जानकारी दें ताकि समय रहते सख्त कार्रवाई की जा सके। इस मामले ने एक बार फिर यह साबित किया है कि प्रॉपर्टी बाजार में पारदर्शिता और सख्त नियमन की आवश्यकता है। जब तक ऐसे मामलों पर त्वरित और कड़ी कार्रवाई नहीं होती, तब तक आम आदमी की सुरक्षा की गारंटी नहीं दी जा सकती।

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