कितनी देर चली गोलीबारी
अधिकारियों के मुताबिक गोलीबारी कुछ देर तक चली, लेकिन अब तक किसी के हताहत होने की खबर नहीं है। एहतियात के तौर पर क्षेत्र में अतिरिक्त सुरक्षा बलों को भेजा गया है।
ऑपरेशन अभी भी जारी
फिलहाल तलाशी अभियान जारी है। सुरक्षाबलों का मानना है कि कुछ आतंकी अब भी इलाके में छिपे हो सकते हैं। पूरा क्षेत्र घेर लिया गया है और हर संदिग्ध गतिविधि पर नजर रखी जा रही है।
सुरक्षा विशेषज्ञों और स्थानीय नेताओं ने चिंता जताई
जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ में हुई इस मुठभेड़ की खबर के बाद सुरक्षा विशेषज्ञों और स्थानीय नेताओं ने चिंता जताई है। विशेषज्ञों का कहना है कि किश्तवाड़ जैसे अपेक्षाकृत शांत इलाकों में आतंकी गतिविधि का उभरना गंभीर संकेत है। वहीं, स्थानीय नागरिकों में दहशत है और वे सरकार से क्षेत्र में सुरक्षा और निगरानी बढ़ाने की मांग कर रहे हैं।
अब आगे क्या हो सकता है ?
तलाशी अभियान का विस्तार: सेना और पुलिस अगले 48 घंटों तक इलाके में सघन तलाशी अभियान चला सकती हैं। ड्रोन और सर्विलांस तकनीक का उपयोग: जंगलों में छिपे आतंकियों की सटीक लोकेशन पता लगाने के लिए ड्रोन और थर्मल इमेजिंग कैमरों का इस्तेमाल किया जा सकता है।
इंटेलिजेंस नेटवर्क एक्टिव: IB और अन्य खुफिया एजेंसियाँ आसपास के जिलों में आतंकी मूवमेंट और संभावित सहयोगियों की तलाश में लगाई जा सकती हैं। स्थानीय लोगों से पूछताछ: सुरक्षाबल इलाके के ग्रामीणों से पूछताछ करके संदिग्ध गतिविधियों की जानकारी जुटा सकते हैं।
किश्तवाड़ में फिर से आतंकी सक्रियता क्यों?
यह इलाका कुछ सालों से अपेक्षाकृत शांत था, लेकिन हालिया घटनाएं इशारा करती हैं कि आतंकी समूह फिर से इस क्षेत्र में अपने पांव जमाने की कोशिश कर रहे हैं। पाकिस्तान कनेक्शन की जांच: जांच एजेंसियां यह भी देख रही हैं कि क्या इस मुठभेड़ में शामिल आतंकी सीमा पार से आए हैं या स्थानीय स्तर पर भर्ती हुए थे।
युवाओं की कट्टरता की ओर वापसी ?
अगर यह साबित होता है कि स्थानीय युवक शामिल थे, तो यह सरकार के पुनर्वास प्रयासों के लिए चिंता का विषय हो सकता है।
अमरनाथ यात्रा को लेकर खतरा ?
यह मुठभेड़ ऐसे समय में हुई है जब अमरनाथ यात्रा जारी है। ऐसे में सुरक्षा एजेंसियां यात्रा मार्गों की सुरक्षा को और कड़ा कर सकती हैं।