मुख्यमंत्री का लक्ष्य: सड़क दुर्घटनाओं में 50% की कमी
मुख्यमंत्री
योगी आदित्यनाथ द्वारा प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मृत्यु और घायलों की संख्या में 50 प्रतिशत की कमी लाने का लक्ष्य तय किया गया है। इसी निर्देश के अनुपालन में परिवहन आयुक्त बृजेश नारायण सिंह के मार्गदर्शन में यह विशेष अभियान चलाया गया। अभियान का नेतृत्व आरटीओ (प्रवर्तन) प्रभात पाण्डेय ने किया। रविवार को महानगर चौराहा, इंजीनियरिंग कॉलेज चौराहा, घंटाघर चौक, बंगला बाजार, अलीगंज और अतियायन जैसे छह प्रमुख चौराहों पर विभाग की टीमें तैनात रहीं। यहां हर गुजरने वाले वाहन की बारीकी से जांच की गई।
सबसे अधिक मामले: बिना हेलमेट, बिना सीट बेल्ट, बिना ड्राइविंग लाइसेंस
कार्रवाई के दौरान सर्वाधिक मामले बिना हेलमेट, बिना सीट बेल्ट, बिना ड्राइविंग लाइसेंस (DL) और एचएसआरपी (हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट) न होने के पाए गए। जांच के दौरान कुछ वाहन चालक यह कहते हुए पाए गए कि “घर पास है, इसलिए हेलमेट नहीं पहना।” वहीं कुछ लोगों का कहना था कि “हेलमेट लगाने से वाहन चलाने में दिक्कत होती है।” कुछ तो यह तर्क देते भी नजर आए कि “रविवार को जांच नहीं होती, इसलिए नियमों की अनदेखी की।” इन बहानों के बावजूद परिवहन विभाग की टीमों ने किसी भी तर्क को स्वीकार नहीं किया और नियम उल्लंघन पर सख्त कार्रवाई की। विभाग के अधिकारियों का कहना है कि कानून सबके लिए बराबर है और उसे लागू करना ही हमारी जिम्मेदारी है।
लग्जरी गाड़ियों से लेकर दोपहिया तक कार्रवाई
जांच के दौरान कई लग्ज़री गाड़ियों में अवैध हूटर पाए गए, जो नियमों का खुला उल्लंघन है। वहीं कई चार पहिया वाहन चालकों ने सीट बेल्ट नहीं पहन रखी थी। कुछ वाहन चालकों ने जांच से बचने के लिए तेज़ी से वाहन भगाने की भी कोशिश की, लेकिन विभाग की सतर्क टीमों ने उन्हें भी रोक लिया। कई मामलों में वाहन चालकों के पास ड्राइविंग लाइसेंस नहीं था, जबकि कुछ के वाहनों पर एचएसआरपी प्लेट नहीं लगी थी, जो कि आज के समय में अनिवार्य है। एक मामला तो ऐसा भी सामने आया, जहां वाहन के रजिस्ट्रेशन के एक महीने बाद भी नंबर प्लेट नहीं लगी थी, जिससे संबंधित डीलर प्वाइंट की लापरवाही भी उजागर हुई।
जनता में दिखा जागरूकता का अभाव
अभियान के दौरान एक बात स्पष्ट रूप से सामने आई कि राजधानी जैसे शहर में भी बड़ी संख्या में लोग अब भी यातायात नियमों को लेकर अनभिज्ञ या लापरवाह हैं। हेलमेट और सीट बेल्ट जैसी बुनियादी सुरक्षा उपायों को नजरअंदाज करना आम बात बन गई है। वहीं वाहन रजिस्ट्रेशन, ड्राइविंग लाइसेंस और अन्य वैधानिक दस्तावेजों की अनदेखी भी चिंताजनक है।
विभाग की अपील: नियमों का पालन करें, दुर्घटनाओं से बचें
आरटीओ (प्रवर्तन) प्रभात पाण्डेय ने मीडिया को जानकारी देते हुए कहा, “यह अभियान केवल दंडात्मक कार्रवाई के लिए नहीं, बल्कि जन जागरूकता के उद्देश्य से चलाया गया है। हमारा प्रयास है कि लोग यातायात नियमों का पालन करें और खुद की तथा दूसरों की जान की सुरक्षा सुनिश्चित करें।” उन्होंने आगे कहा कि विभाग ऐसे अभियान आगे भी चलाता रहेगा और नियमों की अनदेखी करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे अपने कागज़ात पूर्ण रखें, समय पर एचएसआरपी लगवाएं, हेलमेट और सीट बेल्ट का उपयोग अनिवार्य रूप से करें।
तकनीक और निगरानी भी होगी सख्त
परिवहन विभाग अब ट्रैफिक कैमरों, डिजिटल चालान प्रणाली और ऑटोमेटेड नंबर प्लेट रीडर (ANPR) जैसी आधुनिक तकनीकों का भी प्रयोग कर रहा है। जल्द ही लखनऊ के सभी प्रमुख चौराहों पर एआई आधारित निगरानी प्रणाली लगाई जाएगी, जिससे नियमों की अनदेखी करने वालों पर तुरंत कार्रवाई संभव हो सकेगी।