मंत्री कुमावत ने कहा कि राज्य सरकार गौसेवा और पशुधन संरक्षण के लिए पूरी प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। उन्होंने निर्देश दिए कि प्रत्येक ग्राम पंचायत स्तर पर नंदीशालाएं स्थापित की जाएं, जिससे बेसहारा गौवंश को आश्रय और देखभाल मिल सके।
मंत्री ने गौशाला संचालकों से मोबाइल वेटरनरी वैन (1962) के अधिकतम उपयोग का आह्वान करते हुए बताया कि यह सेवा पूर्णतः निःशुल्क है। किसी भी पशुपालक द्वारा कॉल करने पर चिकित्सक, सहायक स्टाफ और आवश्यक दवाओं सहित यह वैन सीधे गौशाला या पशुपालक के घर पहुंचती है।
बैठक के दौरान केंद्र व राज्य सरकार की गौकल्याण योजनाओं की समीक्षा की गई। कुमावत ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि गोशाला विकास योजना के अंतर्गत समय पर भुगतान सुनिश्चित किया जाए। साथ ही मृत पशुओं के निस्तारण ग्राम पंचायतों को उपयुक्त भूमि उपलब्ध कराई जाए और गौवंश में टीकाकरण अभियान शीघ्र पूरा किया जाए।
मंत्री ने मंगला पशु बीमा योजना की जानकारी सभी पशुपालकों तक पहुंचाने पर भी विशेष बल दिया। गौशाला संचालकों ने इस दौरान अपनी समस्याएं भी रखीं, जिनके शीघ्र समाधान का आश्वासन मंत्री ने मौके पर ही दिया।
यह बैठक प्रदेश में गौसेवा को नई दिशा देने और गोपालन व्यवस्थाओं को सशक्त बनाने की दिशा में एक अहम कदम मानी जा रही है।