Bhajanlal Govt: राज्य सरकार ने तीन नई पॉलिसी को मंजूरी दे दी है। इनमें टाउनशिप, राजस्थान सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन और मेडिकल वैल्यू ट्रैवल पॉलिसी शामिल है। टाउनशिप नीति में जहां जनहित के कई प्रावधान किए गए हैं, वहीं डवलपर्स की जवाबदेही भी तय की गई है। खास यह है कि छोटी-बड़ी आवासीय योजना के निवासियों को अब एक जैसी सुविधा मिलेगी। पॉलिसी क्रियान्वयन और निगरानी के लिए राज्य स्तरीय कमेटी बनेगी।
समूह आवास, लैटेड, प्लॉटेड, मिक्स लैंड यूज योजना में सब सिटी सेंटर, डिस्ट्रिक्ट सेंटर व कयूनिटी सेंटर बनाने होंगे। सौर व पवन ऊर्जा प्लांट को बढ़ावा देने के लिए राजस्व रिकॉर्ड में पहुंच मार्ग दर्ज होने व न्यूनतम चौड़ाई की बाध्यता हटा दी है। औद्योगिक योजनाओं में श्रमिकों के निवास के लिए न्यूनतम 5 प्रतिशत क्षेत्रफल के भू-खंड होंगे। ईडब्ल्यूएस व एलआइजी के लिए आरक्षित भू-खंडों का आवंटन का अधिकार डवलपर्स से छीन लिया गया है। अब स्थानीय निकाय ही आवंटन करेंगे।
छोटी टाउनशिप (2 हेक्टेयर से कम) में भी भू-खंडधारियों को अब पार्क, खेल मैदान की सुविधा मिलेगी। यूटिलिटी और फैसेलिटी का 15 प्रतिशत हिस्सा छोड़ना होगा। आठ प्रतिशत हिस्सा अस्पताल, स्कूल, कयूनिटी सेंटर, पार्क, खेल मैदान व अन्य जन उपयोग गतिविधि और सात प्रतिशत हिस्सा बिजली उप केन्द्र, पेयजल योजना, ठोस कचरा प्रबंधन इकाई, सार्वजनिक शौचालय व अन्य गतिविधि के लिए छोड़ना होगा।
गिरवी रहेंगे भू-खंड
डवलपर्स को आवासीय योजना की 5 साल तक मेंटीनेंस करनी होगी। इसके लिए योजना के कुल भू-खंडों का 2.5 फीसदी हिस्सा गिरवी रखा जाएगा, ताकि डवलपर सड़क, सीवरेज, ड्रेनेज, विद्युत तंत्र का मेंटीेनेंस करता रहे।
कॉलोनी में खेल मैदान
दो हेक्टेयर से बड़ी आवासीय योजना में न्यूनतम 3 प्रतिशत भूमि खेल मैदान के लिए आरक्षित करनी ही होगी। यह हिस्सा पार्क के अलावा होगा। अभी तक योजना में खेल मैदान की अनिवार्यता नहीं होने से बच्चों को दूर जाना पड़ रहा है।
होगा बफर जोन
नदी, झील, तालाब, नहर, बरसाती नाला सहित अन्य जल स्रोतों को बचाने के लिए इनके सहारे न्यूनतम बफर जोन होगा। जल स्रोत योजना का हिस्सा आस-पास होगा तो डवलपर को जगह छोड़नी होगी।
रिक्तियों की संख्या 100 फीसदी तक बढ़ सकेगी
अब प्रक्रियाधीन भर्तियों में रिक्तियों की संख्या 100 फीसदी तक बढ़ाई जा सकेगी। राज्य सरकार वर्ष 2025-26 में प्रमोशन के लिए सेवा अवधि में 2 साल की छूट देगी। कृषि पर्यवेक्षक (लेवल-5) को पदोन्नति के अवसर देने के लिए वरिष्ठ कृषि पर्यवेक्षक (लेवल-10) का पद सृजित किया गया है। राजस्थान शिक्षा सेवा में प्राध्यापक (कृषि) के पद पर सीधी भर्ती के लिए आइसीएआर के स्थान पर यूजीसी से मान्यता प्राप्त डिग्री को मान्य किया गया है। एनसीटीई से मान्यता प्राप्त संस्थानों से प्राप्त बीएड को भी मान्य किया गया है।
ऊर्जा क्षेत्र: 3 जॉइंट वेंचर
राज्य सरकार और तीन केन्द्रीय सार्वजनिक उपक्रम के बीच हुए एमओयू के बाद तीन अलग-अलग जॉइंट वेंचर कंपनियों के गठन प्रस्ताव को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी। इससे प्रदेश में 11200 करोड़ रुपए का निवेश आएगा।
सीजीडी पॉलिसी: पाइप लाइन से पहुंचेगी गैस
गैस डिस्ट्रीब्यूशन (सीजीडी) के इन्फ्रास्ट्रक्चर में निवेश होगा। घर-घर पाइप लाइन के जरिए गैस पहुंचेगी। पीएनजी एवं सीएनजी नेटवर्क का छोटे शहरों में विस्तार हो सकेगा। डिस्ट्रीब्यूशन कंपनियों के लिए अनुमति, भूमि आवंटन एवं अनुमोदन की प्रक्रिया को सरल बनाया है।
एमवीटी पॉलिसी: स्वास्थ्य पर्यटन के रूप में उभरेगा प्रदेश
इससे राजस्थान मेडिकल वैल्यू ट्रैवल डेस्टिनेशन के रूप में उभरेगा। मल्टी-स्पेशियलिटी अस्पताल अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप विकसित हो सकेंगे। पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों जैसे आयुर्वेद, योग, यूनानी आदि को भी बढ़ावा मिलेगा। एमवीटी सेल की स्थापना होगी और एमवीटी पोर्टल व मोबाइल ऐप विकसित किया जाएगा। टेलीमेडिसिन, बायोटेक्नोलॉजी और ऐप-आधारित डायग्नोस्टिक्स हो सकेंगे
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