उल्लेखनीय है कि पहले नियमित शिक्षकों को ही हमारे शिक्षक ऐप के माध्यम से उपस्थिति दर्ज कराने की बाध्यता थी। इसको लेकर नियमित शिक्षक आंदोलन और विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। वहीं अब अतिथि शिक्षकों ने भी इस व्यवस्था का पालन करने से हाथ खड़े कर दिए हैं।
दोनों ही नहीं कर रहे पालन
जानकारों के अनुसार जिले में करीब 8500 नियमित शिक्षकों में फिलहाल केवल 20 फीसदी शिक्षक ही अभी तक नियमों का पालन कर रहे हैं। जिले में करीब 1700 शिक्षक ही ई- अटेंडेस व्यवस्था का पालन कर रहे हैं। दूसरी और जिले के सरकारी स्कूलों में 2000 अतिथि शिक्षकों में से ३0 फीसदी अतिथि शिक्षक हर दिन उपस्थिति दर्ज कर रहे हैं।
वेतन कटने का डर
एक ही स्कूल में शिक्षकों के बीच भेदभाव की स्थिति पैदा हो गई है। अतिथि शिक्षकों को ई अटेंडेंस का पालन न करने पर अब वेतन कटेगा। 18 जुलाई से यह व्यवस्था लागू हो जाएगी। जिले के समस्त संकुल प्राचार्य, शाला प्रभारियों को निर्देशित किया गया है कि वे स्कूलो में अतिथि शिक्षकों की ऐप के माध्यम से उपस्थिति दर्ज कराएं।
तनाव में अतिथि
इस नियम ने गेस्ट टीचर्स को और अधिक तनाव और असुरक्षा में डाल दिया है। शिक्षकों का कहना है कि नियमित शिक्षकों पर इस तरह की कोई भी बंदिश नहीं डाली गई है। यही कारण है कि अधिकांश नियमित शिक्षक या तो ऐप का उपयोग नहीं कर रहे हैं या फिर जानबूझकर उपस्थिति दर्ज नहीं कर रहे। शिक्षण कार्य में पारदर्शिता के लिए ई अटेंडेंस व्यवस्था की गई है। हर शिक्षक के लिए एप से उपिस्थति अनिवार्य की गई है। अतिथि शिक्षकों की उपिस्थति अब पूरी तरह से ई अटेंडस आधारित होगी। इसके आधार पर ही उनका मानदेय जारी किया जाएगा। डीईओ, संकुल प्राचार्यों को निर्देशित किया है इसका पालन हर शिक्षक से कराएं। – के के द्विवेदी, संचालक लोक शिक्षण संचालनालय