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childhood life : थोड़ी मस्ती बुरी नहीं
मनोवैज्ञानिक कहते हैं कि कई घरों में अभिभावक सिर्फ इसलिए ही बच्चों को व्यस्त रखना चाहती है कि दिनभर उनकी शैतानी बर्दाश्त नहीं करना पड़े। इस टें्ड का बच्चों पर बुरा असर पड़ता है। जब बच्चे घर में मस्ती, शैतानी नहीं कर पाते तो वे इसे बाहर तलाशते हैं, जिससे बच्चों और अभिभावकों के बीच दूरी बढ़ती है।childhood life : बच्चों को दें समय
साल भर बच्चों स्कूली दिनचर्या में व्यस्त रहते हैं तो वहीं अभिभावक अपने कामकाम में। ऐसे में गर्मी की छुट्टियों का उपयोग पेरेंट्स को बच्चों को समझने और उनसे बेहतर बांडिंग के लिए करना चाहिए। मनोवैज्ञानिक कहते हैं कि बच्चों भावनात्मक लगाव तलाशते हैं। इसके लिए गर्मी की छुट्टियां अभिभावकों के लिए सबसे बेहतर समय है। बच्चों के साथ अधिक से अधिक समय व्यतीत करना चाहिए।
childhood life : विशेषज्ञों की ये सीख
● एक्सट्रा करिकुलर एक्टीविटीज में अपनी रुचि नहीं थोपें।● ब‘चों के मित्र बनें। बचपन खुलकर जीने में उनके सहभागी बनें।
● छुट्टियों में उन्हें घूमने रिश्तेदारों के यहां ले जाएं, या मेहमानों को घर बुलाएं
● उनके साथ पार्क, मैदान अथवा साइकिलिंग पर जाएं।
● नए हमउम्र बच्चों से दोस्ती के लिए प्रोत्साहित करें।
- डॉ. रजनीश जैन, मनोवैज्ञानिक
- डॉ. ओपी रायचंदानी, मनो चिकित्सक