इस साल सावन का महीना 11 जुलाई 2025 से शुरू होकर 9 अगस्त 2025 तक चलेगा। सावन का अंतिम सोमवार 4 अगस्त को पड़ रहा है। इस साल सावन महीने में 4 सोमवार व्रत होंगे और चार मंगला गौरी व्रत होंगे। वहीं धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस समय मंत्र जप का भी बहुत महत्व होता है। ‘ओम नमः शिवाय’ मंत्र का जप करने से सभी तरह के दुख-दर्द दूर हो जाते हैं। शिव भगवान को यदि प्रसन्न करना है तो सावन माह में पूरे विधि विधान के साथ उनकी पूजा जरूर करनी चाहिए।
ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि सावन माह में सोमवार के दिन का भी विशेष महत्व (Sawan Special Yogas 2025) होता है। सावन सोमवार व्रत मनोकामना पूर्ति के लिए किया जाता है। इस दिन भगवान शिव की पूजा-अर्चना करने से सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। इसलिए धार्मिक दृष्टि से सावन सोमवार का विशेष महत्व होता है। इस महीने राशि के अनुसार विशेष उपाय करने शिवजी की कृपा प्राप्त होती है। सावन के सोमवार का भक्तों को बहुत इंतजार रहता है।
इस महीने में भोलेशंकर की विशेष अराधना की जाती है। लोग भोले शंकर का रुद्राभिषेक कराते हैं। सावन मास भगवान शिव का सबसे पसंदीदा माह है और इस दौरान यदि कोई श्रद्धालु पूरी आस्था के साथ भोलेनाथ की आराधना करता है तो उसकी सभी मनोकामना पूर्ण होती है इस महीने भगवान शिव की विधि-विधान के साथ पूजा होती है। सावन के पावन महीने में शिव के भक्त कावड़ लेकर आते हैं और उस कांवड़ में भरे गंगा जल से शिवजी का अभिषेक करते हैं।
Sawan Special Yogas : सावन के सोमवार पर अद्भूत योग
दूसरा सोमवार- 21 जुलाई 2025
सावन का दूसरा सोमवार 21 जुलाई को इस दिन रोहिणी नक्षत्र में चंद्रमा वृषभ राशि में रहेंगे। जिससे गौरी योग में सावन का दूसरा सोमवार रहेगा। इस दिन कामिका एकादशी और सर्वार्थ सिद्धि योग का भी शुभ संयोग बन रहा है इस दिन व्रत करने से भगवान शिव के साथ साथ भगवान विष्णु की कृपा मिलेगी और वृद्धि योग होने से सुख संपत्ति में वृद्धि होगी।
तीसरा सोमवार- 28 जुलाई 2025
सावन का तीसरा सोमवार 28 जुलाई को चंद्रमा पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र और उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र में संचार करेंगे और इस दिन सिंह राशि में चंद्रमा के होने से धन योग (Sawan Special Yogas 2025) का बेहद शुभ संयोग रहेगा। इस दिन मंगल भी गोचर करने जा रहे हैं। ऐसे में भगवान शिव की उपासना से मंगल दोष और कालसर्प दोष (Kal Sarp Dosh Remedies in Sawan) प्रतिकूल प्रभाव में कमी आएगी। वृद्ध चतुर्थी का भी संयोग इस दिन रहने वाला है। इस दिन भगवान शिव और गणेशजी के आशीर्वाद से भक्तों की मनोकामना पूरी होंगी।
चौथा सोमवार- 4 अगस्त 2025
डा. अनीष व्यास ने बताया कि सावन का चौथा और आखिरी सोमवार 4 अगस्त को होगा और इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग का संयोग रहेगा। इस दिन चंद्रमा अनुराधा नक्षत्र और चित्रा नक्षत्र से वृश्चिक राशि पर संचार करेंगे। साथ ही इस दिन ब्रह्म और इंद्र योग का संयोग भी रहेगा।
11 जुलाई से 9 अगस्त तक तक रहेगा सावन
भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि इस वर्ष सावन का महीना 11 जुलाई 2025 से शुरू होकर 9 अगस्त 2025 तक चलेगा। इस दौरान कुल चार सोमवार आएंगे। सावन का समापन रक्षाबंधन पर्व के साथ होगा, जो भाई-बहन के रिश्ते का प्रतीक है, जो इस बार 9 अगस्त को मनाया जाएगा। शुभ योग इस बार सावन के पहले ही दिन एक विशेष योग (Sawan Special Yogas 2025) बन रहा है, जिसे शिववास योग कहा जाता है। इस शुभ संयोग में भगवान शिव माता पार्वती के साथ कैलाश पर्वत पर विराजमान रहेंगे। मान्यता है कि इस योग में शिवजी की पूजा और जलाभिषेक करने से साधक को सौभाग्य, सुख-समृद्धि और मनचाहा वरदान प्राप्त होता है।
सावन सोमवार की तिथियां
दूसरा सोमवार- 21 जुलाई 2025
तीसरा सोमवार- 28 जुलाई 2025
चौथा सोमवार- 4 अगस्त 2025 मंगला गौरी व्रत तिथि
दूसरा मंगला गौरी व्रत – 22 जुलाई
तीसरा मंगला गौरी व्रत – 29 जुलाई
चौथा मंगला गौरी व्रत – 5 अगस्त
दूर होता है राहु-केतु का अशुभ प्रभाव
भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि सावन के महीने में भगवान शिव की पूजा अर्चना का विशेष फल प्राप्त होता है। मान्यता है इस दिन जो भी पार्वती और भगवान भोलेनाथ की आराधना करता है उसे सुख समृद्धि की प्राप्ति होती है। पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान भोलेनाथ को अपने पति के रूप में पाने के लिए माता पार्वती ने कठोर तपस्या की थी। इसके फलस्वरूप महादेव ने पार्वती जी को अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार करने का वर दिया। मान्यता है कि जो भी सावन के सोमवार में भगवान भोलेनाथ की पूरी श्रद्धा के साथ पूजा करता है उसे मनचाहा वर या वधू प्राप्त होता है। इसके अलावा सावन के सोमवार का व्रत रखने से कुंडली में चंद्रमा की स्थिति मजबूत होती है और इसके अलावा राहु-केतु का अशुभ प्रभाव दूर होता है।
अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद
भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि भगवान शंकर को जिस तरह से सावन मास प्रिय है। ठीक उसी तरह से मां पार्वती को भी सावन का महीना अत्यंत प्रिय है। मान्यता है कि सावन महीने में सोमवार के दिन भगवान शंकर की पूजा करने से मनचाहा वरदान प्राप्त होता है। वहीं सावन के मंगलवार को मंगला गौरी व्रत रकने से मां पार्वती की कृपा से अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद मिलता है।