दरअसल बच्ची मोनिका का शरीर ऐसा नजर आता है, जैसे मानों वह आग से झुलसी हुई हो। उसका पूरा शरीर काला और गुड़ीदार है। उसकी उम्र भी ११ साल है, लेकिन वह ४ साल की नजर आती है। आम बच्चों की तरह वह बोल नहीं पाती। गांव में आम बच्चे उसके साथ नहीं खेलते। इस वजह से वह हमेशा चुपचाप रहती है। धीरे-धीरे उसका वजन भी घट रहा है। माता-पिता अपनी बच्ची की इस परेशानी को चाहते हुए भी दूर नहीं कर पा रहे हैं।
चल फिर नहीं पाती
पटेरा के मझगुंवा पतौर गांव निवासी पिता अमित नामदेव ने बताया कि उसकी बच्ची जन्म से ऐसी है। शुरू से ही उसका इलाज कराया, लेकिन कोई फायदा नहीं मिला। पूरा शरीर झुलसा हुआ दिखाई देता है। दिव्यांग भी है, चल फिर नहीं पाती है। गोद में ही उठाकर ले जाना पड़ता है। बीमार रहने के साथ चल फिर न पाने के कारण उसका स्कूल में दाखिला नहीं करा पाए हैं।
राशन मिलना बंद हो गया, कलेक्टर से लगाई गुहार
कलेक्ट्रेट कार्यालय में जनसुनवाई के लिए लगी भीड़ में मोनिका के परिजन मिले। उन्होंने बताया कि उसे एक महीने से राशन नहीं मिला है। आधार अपडेट नहीं होने के कारण सुविधा बंद हो गई है। परिजनों ने बताया कि उसकी हाथ की उंगलियों के निशान मेच नहीं हो रहे हैं। इस बारे में पीडि़तों ने कलेक्टर को एक आवेदन भी दिया। जहां कलेक्टर जल्द समाधान का आश्वासन दिया है।