अब सीरीज का कांरवा मैनचेस्टर सिटी पहुंच चुका है, जहां टीम इंडिया के लिए करो या मरो वाली स्थिति बन गई है। भारतीय टीम यहां हारी तो सीरीज गंवा देगी। शुभमन गिल एंड कंपनी को सीरीज में बने रहने के लिए कम से कम ड्रॉ की जरूरत है। हालांकि इस मैदान के आंकड़े टीम इंडिया के लिए अच्छे नहीं हैं। भारतीय टीम यहां पहली जीत का इंतजार कर रही है। अब तक भारत और इंग्लैंड के बीच यहां 9 मुकाबले खेले गए हैं और 4 में इंग्लैंड ने जीत हासिल की है। 5 मुकाबले ड्रॉ रहे हैं लेकिन टीम इंडिया को इंग्लैंड की सरजमीं पर सबसे शर्मनाक हार इसी मैदा पर मिली थी।
एक ही मैच में दो बार 100 के भीतर ढेर
73 साल पहले टीम इंडिया यहां टीम इंडिया को ऐसी हार मिली थी, जो आज भी चुभती है। विजय हजारे की कप्तानी भारतीय टीम 4 टेस्ट मैचों की सीरीज खेलने 1952 में इंग्लैंड पहुंची। पहले दोनों मुकाबले हारने के बाद दोनों टीमें तीसरे मुकाबले के लिए मैनचेस्टर पहुंची। इंग्लैंड ने पहले बल्लेबाजी की और 347 रन बनाकर 9 विकेट पर पारी घोषित कर दी। भारतीय टीम पहली पारी में 58 रन पर ही ढेर हो गई। वियज मांजरेकर ने सबसे ज्यादा 22 रन बनाए। पहली पारी में 9 बल्लेबाज दहाई का आंकड़ा भी पार नहीं कर पाए। फ्रेड ट्रूमैन ने 8 विकेट चटका डाले। पहली पारी में शर्मनाक प्रदर्शन के बाद उम्मीद थी कि दूसरी पारी में कहानी बेहतर होगी। फॉलोअन खेलने उतरी टीम इंडिया की दूसरी पारी सिर्फ 82 रन पर ढेर हो गई। इस मुकाबले में इंग्लैंड की टीम एक बार भी ऑलआउट नहीं हुई थी और भारतीय टीम दो बार ढेर हो गई और 150 रन भी नहीं बना सकी। नतीजा ये हुआ कि इंग्लैंड ने पारी और 207 रन से मुकाबला अपना नाम किया और सीरीज भी 3-0 से अपने नाम कर ली।
89 साल से मैनटेस्ट में जीत का इंतजार
मैनचेस्टर में उसके बाद टीम इंडिया ने कई बार जीत की कहानी लिखने की कोशिश की लेकिन कभी पूरा नहीं हो पाया। भारतीय टीम ने पिछली बार 2014 में यहां आखिरी मुकाबला खेला था, जहां उन्हें पारी और 54 रन से हार झेलनी पड़ी थी। 1990 और 1982 में खेले गए दोनों मुकाबले ड्रॉ रहे थे। 1974 में इंग्लैंड ने 113 रन से जीत हासिल की। 1971 में भी मुकाबला ड्रॉ रहा। 1959 में टीम इंडिया को 171 रन से हार झेलनी पड़ी थी। 1936 में भारत ने पहली बार यहां मैच खेला और फिर 1946 में दूसरी पार खेलने ने पहुंची। शुरुआती दोनों मुकाबले ड्रॉ रहे। भारतीय टीम 89 साल से इस मैदान पर पहली जीत का इंतजार कर रही है। शुभमन गिल एंड कंपनी ने बर्मिंघम में जीत हासिल कर इतिहास रचा था और अब इस युवा ब्रिगेड से मैनचेस्टर में कहानी बदलने की उम्मीद है।