किसानों ने आरोप लगाया कि व्यापारियों की मूंग बिना परीक्षण के खरीदी जा रही है, जबकि किसानों की मूंग में कमियां निकालकर रिजेक्ट किया जा रहा है। कारण पूछने पर वेयर हाउस संचालक किसानों को धमका रहे हैं। ग्रेडिंग के नाम पर हजारों रुपए की अवैध वसूली की जा रही है। अगर राशि दी जाए तो मूंग की तुलाई हो जाती है, नहीं तो दो तीन दिन भटकना पड़ता है। चक्काजाम के करीब दो घंटे बाद तहसीलदार प्रीति पटेल, कृषि अधिकारी उमेश पाटिल और विभागीय टीम ने मौके पर पहुंचकर किसानों को मनाया और कार्रवाई का भरोसा दिया, तब चक्काजाम समाप्त हुआ।
जिला प्रबंधक के बयान से हुआ विवाद
जिला वेयर हाउसिंग कॉर्पोरेशन की प्रबंधक मंजू चौरे ने गुरुवार को निरीक्षण में किसानों से कहा कि मूंग जहरीली और कड़वी है, सरकार मूंग खरीदकर गलत कर रही है। जिला प्रबंधक के बयान के बाद किसान आक्रोशित हो गए थे। वही आक्रोश शुक्रवार को चक्काजाम में भी नजर आया। किसानों ने जिला प्रबंधक के बयान का ये कहकर जमकर विरोध किया कि उन्हें सरकार को नसीहत देने का कोई अधिकार नहीं है। ये बयान सरकार और किसान विरोधी है।
यूरिया को लेकर कांग्रेस ने किया प्रदर्शन
चौरई क्षेत्र में यूरिया संकट को लेकर शुक्रवार को चौरई ब्लॉक कांग्रेस के कांग्रेस नेताओं व किसान खाद वितरण केंद्र के सामने सडक़ पर बैठ गए और प्रदर्शन किया। यूरिया खाद की कमी व कालाबाजारी तथा सहकारी समितियों के माध्यम से नकद खाद की बिक्री की मांग की। साथ ही मूंग व उड़द खरीदी केंद्रों में हो रही अवस्थाओं को दूर करने और पेयजल व अन्य सुविधाओं की भी मांग किसानों ने की। एक ज्ञापन चौरई अनुविभागीय अधिकारी राजस्व प्रभात मिश्रा को सौंपा।