धरना स्थल पर माहौल तब और तनावपूर्ण हो गया जब प्रदर्शन के दौरान एसपी कार्यालय का गेट बंद कर ताला लगा दिया गया और परिसर की बिजली बंद कर दी गई, जिससे महिलाएं, पुरुष और बच्चे अंधेरे में ही बैठने को मजबूर हो गए। कई बच्चे वहीं धरना स्थल पर सो गए। धरने के दौरान महिलाएं लगातार नारे लगा रही थीं और पुलिस पर कार्रवाई की मांग कर रही थीं।पुलिस पर लगाए गए गंभीर आरोपधरने पर बैठे पीड़ित युवकों ने मीडिया के सामने अपने जख्म दिखाए। उनके हाथों और पीठ पर बेल्ट और लाठी से पिटाई के निशान साफ नजर आ रहे थे। युवकों का आरोप है हमें थाने में कपड़े उतरवाकर चार दिन तक पीटा गया और गुप्तांग में मिर्च पाउडर डाला गया। पीड़ितों ने बताया कि वे झाड़ू बनाने-बेचने का काम करते हैं। 15 जुलाई की शाम वे नौगांव डिस्टलरी रोड पर एक नए मकान के उद्घाटन कार्यक्रम में गए थे। वहां से लौटते समय सड़क किनारे पेशाब कर रहे थे, तभी डायल-100 पुलिस की गाड़ी आई और बिना वजह उन्हें थाने ले जाया गया।
एक विकलांग युवक को छोड़ दिया गया लेकिन बाकी चारों को थाने ले जाकर कथित रूप से उल्टा लटकाकर बेल्ट, लाठी और घूंसे-लातों से पीटा गया और चोरी कबूल कराने के लिए गुप्तांग में मिर्च डाली गई। पीड़ितों का कहना है कि पुलिस ने उन्हें ट्रांसफार्मर का तेल चुराने के झूठे आरोप में पकड़ा।
10 घंटे भूखे प्यासे बैठे रहे परिजन
शनिवार शाम करीब 4 बजे पीड़ित और भीम आर्मी के कार्यकर्ता नारेबाजी करते हुए एसपी कार्यालय पहुंचे। बस स्टैंड से एसपी ऑफिस तक रैली निकाली गई और कार्यालय के सामने धरना शुरू किया गया। भीम आर्मी के साथ करीब 70 लोग धरने पर बैठे, जिनमें बड़ी संख्या में महिलाएं और बच्चे भी शामिल रहे। पीड़ित परिवार करीब 10 घंटे भूखा-प्यासा धरना स्थल पर बैठा रहा। धरने के दौरान पुलिस ने स्थिति संभालने के लिए नौगांव एसडीओपी अमित मेश्राम के नेतृत्व में शहर के विभिन्न थानों सिटी कोतवाली, सिविल लाइन, ओरछा रोड थाना से बल बुलाकर तैनात किया।
देर रात कांग्रेस नेताओं ने दिया दखल
रात बढ़ते-बढ़ते मामला और गर्माने लगा। इसी बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भी सक्रिय हो गए।प्रतिपक्ष नेता उमंग सिंघार और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने फोन पर पीड़ितों और पुलिस अधिकारियों से बात की और मामले में कार्रवाई का आश्वासन दिया। महाराजपुर के पूर्व कांग्रेस विधायक नीरज दीक्षित भी धरना स्थल पहुंचे और पीड़ितों से चर्चा की। आखिरकार रात करीब 1:30 बजे प्रशासन और पुलिस अधिकारियों ने समझाइश देकर धरने को समाप्त कराया। इसके बाद तीन घायल युवकों को मेडिकल परीक्षण के लिए जिला अस्पताल ले जाया गया।
रविवार सुबह पुलिस का बयान
रविवार सुबह नौगांव एसडीओपी अमित मेश्राम ने बताया हम लोगों ने रात में पीड़ित परिवार को सुरक्षित उनके घर छोड़ा। घायलों की एमएलसी कराई जा चुकी है। लापता युवक की तलाश जारी है और जो भी तथ्य सामने आएंगे, उनके आधार पर कार्रवाई की जाएगी।एक युवक अब भी लापता, हत्या की आशंकापीड़ितों के साथ पकड़ा गया एक युवक अभी तक घर नहीं लौटा है। परिजनों ने उसकी हत्या की आशंका जताई है और पुलिस से उसकी तत्काल खोजबीन करने की मांग की है। धरना स्थल पर मौजूद एक पीड़ित के ससुर ने बताया रात करीब 10 बजे मैं बच्चों को खाना देने घर जा रहा था। रास्ते में ईशानगर चौराहे पर दो लोग मिले। उन्होंने टीआई सतीश सिंह को फोन किया और थोड़ी देर में टीआई व एक अन्य पुलिसकर्मी पहुंचे। उन्होंने धमकी दी कि अगर विरोध किया तो मुझे थाने ले जाया जाएगा और यह भी कहा कि हमारा मकान सरकारी जमीन पर है, हमें वहां से हटा देंगे। ससुर ने कहा कि डर के बावजूद वे धरना स्थल पर लौट आए।
डीआईजी ने दिया आश्वासन
धरने के दौरान डीआईजी ललित शाक्यवार भी मौके पर पहुंचे और कहा कि पीड़ितों की शिकायत पर मेडिकल परीक्षण कराया जा रहा है और निष्पक्ष जांच के बाद दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। भीम आर्मी और पीड़ित परिवारों का कहना है कि जब तक आरोपी पुलिसकर्मियों पर सख्त कार्रवाई नहीं होती और लापता युवक का पता नहीं चलता, उनका संघर्ष जारी रहेगा।एसपी ने तीन पुलिसकर्मी किए सस्पेंड नौगांव थाना क्षेत्र में आदिवासी युवकों के साथ मारपीट और अमानवीय व्यवहार के आरोपों के बाद छतरपुर पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है। एसपी आगम जैन ने मामले में तीन पुलिसकर्मियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। निलंबित पुलिसकर्मियों में एएसआई शिवदयाल, प्रधान आरक्षक अरविंद शर्मा और आरक्षक राम जाट शामिल हैं।