श्रावण मास में लकडेश्वर महादेव मंदिर में श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है, लेकिन वहां पर श्रद्धालुओं को आवाजाही के लिए पेच की बावड़ी अंडरपास से होकर गुजरना पड़ता है। बारिश के मौसम में अंडरपास में 2 से 3 फीट तक पानी भर जाता है। ऐसे में यहां से गुजरने वाले श्रद्धालुओं के कपड़े खराब हो जाते हैं। अधिक बरसात होने पर कुछ देर के लिए रास्ता तक थम जाता है। इस मामले की शिकायत वर्षों से श्रद्धालु व ग्रामीण ने एनएचएआई के अधिकारियों को की। इस पर अधिकारी मौके पर आए हैं और औपचारिकता कर चले गए।
हिण्डोली कस्बे के सिंघाड़ी रोड स्थित अंडरपास के भी यही हाल है। यहां पर भी बारिश के मौसम में पानी भरा रहने से यात्रियों व राहगीरों को पानी से होकर गुजरना पड़ रहा है। अशोकनगर स्थित अंडरपास में भी पानी भरा रहता है। अंडरपास में बड़े ट्रक फंस जाते हैं, जिससे लोगों को आवाजाही में परेशानी होती है। बासनी में भी हालात खराब है।
राष्ट्रीय राजमार्ग में बने डिवाइडरों पर कनेर के पौधे लगा रखे हैं, लेकिन बारिश के दौरान पौधे काफी बड़े हो गए हैं एवं बारिश से बचाव के लिए पशु डिवाइडरों पर बैठे रहते हैं। कई बार अचानक सड़क पर आ जाते हैं। ऐसे में पौधों की आड़ में वाहन चालकों को पशु नहीं दिखने से दुर्घटना होती है। गत शुक्रवार को बाइक चालक गुजर रहा था। सामने पशु आ जाने से दुर्घटना हो गई।