बजट वर्ष 2025-26 में राज्यभर में 1,000 कस्टम हायरिंग केंद्र स्थापित किए जाने का लक्ष्य रखा गया है। बूंदी जिले में 48 केंद्र स्थापित किए जाएंगे। यह योजना केंद्र सरकार के ‘‘सब मिशन ऑन एग्रीकल्चर मैकेनाइजेशन’’ के अंतर्गत संचालित हो रही है।
कृषक अपने नजदीकी केंद्र पर उपलब्ध कृषि यंत्रों की ऑनलाइन बुकिंग भी कर सकेंगे। इसके लिए ‘राजकिसान कस्टम हायरिंग एप’ तैयार किया गया है, जिसमें बुकिंग से लेकर भुगतान तक की समस्त प्रक्रिया डिजिटल माध्यम से होगी।
केंद्रों के संचालन के लिए क्रय-विक्रय सहकारी समितियों, ग्राम सेवा सहकारी समितियों, राजीविका के क्लस्टर लेवल फेडरेशन, प्रगतिशील किसान और निजी सेवा प्रदाता फर्मों को शामिल किया गया है। इससे स्थानीय रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।
कृषि विभाग के अनुसार यह पहल किसानों को आधुनिक तकनीक से जोड़ेगी, जिससे वे कम समय में अधिक कार्य कर सकेंगे। बुवाई, कटाई और थ्रेसिंग जैसे कार्य अब कुशल और वैज्ञानिक ढंग से हो सकेंगे।
ग्राम पंचायत स्तर पर कस्टम हायरिंग केंद्रों की स्थापना कृषि यंत्रीकरण को नई दिशा देगी। यह योजना खेती को लाभकारी, व्यवस्थित और टिकाऊ बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
ग्राम पंचायतों में कस्टम हायरिंग केंद्रों की स्थापना से किसानों को आधुनिक यंत्र किराए पर मिलेंगे। इससे उनकी कार्यक्षमता बढ़ेगी और आर्थिक स्थिति मजबूत होगी।
के. के. सोमाणी, कार्यवाहक संयुक्त निदेशक (कृषि विस्तार), बूंदी