हरदा में राजपूत छात्रावास में पुलिस के लाठीचार्ज के तीन दिन बाद भी लोगों का गुस्सा ठंडा नहीं हुआ है। प्रदेशभर में करणी सेना और राजपूत समाज इसके विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं। कांग्रेस ने भी पूरी घटना की न्यायिक जांच कराने की मांग की है।
हरदा प्रकरण को लेकर राजपूत समाज की प्रतिक्रिया से अब बीजेपी में घबराहट है। पार्टी ने पहले हरदा की घटना को कुछ व्यक्तियों के बीच आपसी लेनदेन से जुड़ा विवाद बताया था। बीजेपी ने आरोप लगाया था कि कांग्रेस इस मामले को जानबूझकर सांप्रदायिक व सामाजिक रंग देने की कोशिश कर रही है। लेकिन पुलिसिया बर्बरता के नित नए सबूत सामने आते ही पार्टी अब बैकफुट पर है।
राजपूत शुरु से ही बीजेपी के कोर वोटर्स रहे हैं। ऐसे में उनकी नाराजगी को पार्टी हल्के में नहीं ले सकती। यही कारण है कि डेमेज कंट्रोल की कवायदें तेज हो गई हैं। राजपूतों की नाराजगी दूर करने के लिए पार्टी के प्रादेशिक और स्थानीय नेताओं को कहा गया है।
इधर राज्य सरकार भी सक्रिय हुई है। खुद सीएम मोहन यादव ने हरदा छात्रावास प्रकरण की विस्तृत जांच रिपोर्ट बुलाने की बात कही है। चर्चा यह भी है कि हरदा जिले के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी पर कार्रवाई की गाज गिरना तय है।
सीएम ने हरदा मामले को लेकर ट्वीट किया
सीएम मोहन यादव ने बुधवार को हरदा मामले को लेकर ट्वीट किया। उन्होंने अपने एक्स हेंडल पर लिखा- हरदा छात्रावास प्रकरण का संज्ञान लेकर मैंने जिला प्रशासन से विस्तृत जांच रिपोर्ट तलब की है। हमारी सरकार के लिए सामाजिक न्याय और परस्पर सद्भाव सर्वोच्च प्राथमिकता है। मध्यप्रदेश में सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने की किसी को अनुमति नहीं दी जाएगी।