बुधवार सुबह मंदिर पहुंची एक महिला ने क्षतिग्रस्त मूर्ति देख गांव वालों को सूचना दी। कुछ ही देर में बड़ी संख्या में ग्रामीण मंदिर परिसर में जुट गए और घटना के विरोध में नारेबाजी शुरू कर दी। सूचना मिलते ही उपजिलाधिकारी, सीओ नवाबगंज गौरव सिंह, हाफिजगंज थाना प्रभारी पवन कुमार सिंह समेत भारी पुलिस बल मौके पर पहुंचा और स्थिति को नियंत्रित किया। अधिकारियों ने ग्रामीणों को जल्द मूर्ति पुनर्स्थापना का आश्वासन देकर शांत कराया।
एफआईआर दर्ज कर मामले की जांच में जुटी पुलिस
पुलिस ने गांव निवासी विनोद सिंह की तहरीर पर अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। गांव में एहतियातन अतिरिक्त पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। मंदिर के बाहर लगे ताले को देखकर आशंका जताई जा रही है कि आरोपितों ने वारदात को अंजाम देने के बाद दरवाजा बाहर से बंद कर दिया और फरार हो गए।
मामले को गंगापुर की घटना से जोड़कर देखा जा रहा
गौरतलब है कि कुछ ही दिन पहले नवाबगंज थाना क्षेत्र के बड़ागांव के मजरा गंगापुर में सरकारी जमीन पर स्थापित डॉ. भीमराव आंबेडकर की प्रतिमा को भी अज्ञात लोगों ने क्षतिग्रस्त कर दिया था। उस मामले में एक शिक्षक समेत 19 ग्रामीणों पर केस दर्ज किया गया था और एसएसपी ने तत्कालीन इंस्पेक्टर राहुल सिंह को लाइन हाजिर कर दिया था। काशीपुर की इस घटना को ग्रामीण गंगापुर की प्रतिमा तोड़ने से जोड़कर देख रहे हैं। लोगों का आरोप है कि आंबेडकर प्रतिमा प्रकरण के बाद एक विशेष जाति में नाराजगी थी, संभव है कि उसी का बदला लेने के लिए मंदिर में यह कृत्य किया गया हो। हालांकि पुलिस ने जांच में अब तक कोई खुलासा नहीं किया है।
सीओ का बयान
सीओ नवाबगंज गौरव सिंह ने बताया मंदिर में भगवान कार्तिकेय की प्रतिमा को खंडित किया गया है। मामले में अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है। पुलिस जांच में जुटी है और आरोपितों की पहचान कर जल्द ही गिरफ्तारी की जाएगी। गांव में फिलहाल शांति व्यवस्था पूरी तरह सामान्य है।”