Cyber Fraud: खाते भी अनफ्रीज न होने की दी धमकी
मिली जानकारी के मुताबिक, हेमंत नायक ने फर्जी
ई-मेल आईडी बनाई थी। इसमें खुद को बलौदाबाजार एसपी बताया। फिर बिल्डरों और व्यवसायियों को फोन कॉल और ई-मेल्स के जरिए धमकी दी। उनसे कहा कि उनके बैंक खाते फ्रीज करवा दिए जाएंगे। इसके बदले उसने मोटी रकम की डिमांड की। पैसे न मिलने पर खाते भी अनफ्रीज न होने की धमकी दी। जिन बिल्डरों और कारोबारियों ने पैसे नहीं दिए, उनके नाम पर फर्जी आईडी के जरिए संबंधित बैंकों को मेल भेजे। उनके खाते तक फ्रीज करवा दिए।
भक्षक बना यह रक्षक अपराध को इतने संगठित तरीके से अंजाम दे रहा था कि इसके लिए उसने कई यूल खातों का भी इस्तेमाल किया। पुलिस को शक है कि हेमंत इतना बड़ा काम अकेले नहीं कर सकता। पुलिस विभाग के ही कुछ और लोग या हेमंत के करीबी इस साइबर ठगी में शामिल हो सकते हैं। इस पूरी घटना ने पुलिस महकमे की गरिमा को सवालों के घेरे में ला खड़ा किया है।
पुलिस महकमा आंतरिक जांच व निगरानी भी मजबूत करें
रक्षक ही जब भक्षक बनें, तो सुरक्षा और भरोसे की नींव की मजबूती पर सवाल उठना भी लाजमी है। घटना केवल ठगी की नहीं, बल्कि वर्दी की गरिमा, पुलिस की विश्वसनीयता और जनता की सुरक्षा भी घेरे में जाने वाली है। पूरे मामले के बाद यह सवाल भी खड़े हो रहे हैं कि क्या आरोपी आरक्षक अकेला था या और भी साथ थे? पूरे पैसों की रिकवरी हो गई है? अगर नहीं तो रिकवरी कब तक होगी और पीड़ितों को उनके पैसे कब तक लौटाए जाएंगे। ऐसी घटनाओं की रोकथाम के लिए जरूरी है कि पुलिस महकमा आंतरिक जांच व निगरानी भी मजबूत करे। पिछले साल जुलाई में की गई थी शिकायत, अब जाकर पर्दाफाश
Cyber Fraud: एसपी के नाम पर चल रही इस
साइबर ठगी को लेकर पहली शिकायत पिछले साल 3 जुलाई को सामने आई थी। केस दर्ज होने के तकरीबन एक साल बाद मौजूदा एसपी भावना गुप्ता ने मामले को गंभीरता से लेते हुए तुरंत एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए।
सिटी कोतवाली थाने में आईपीसी की धारा 166, 419, 409, 384 और आईटी एक्ट की विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया। पुलिस की स्पेशल टीम ने सारंगढ़ से हेमंत नायक को गिरफ्तार किया। पूछताछ में उसने अपराध कबूल कर लिया है। ऐसे में उसे तत्काल प्रभाव से नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया है। न्यायालय में पेश कर अब जेल भेजने की भी तैयारी है।