प्रदर्शनकारियों (NHM protest) का कहना है कि वे राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था की रीढ़ हैं, लेकिन आज भी उन्हें अस्थायी संविदा कर्मचारी की तरह कार्य करना पड़ रहा है। कोविड काल में भी उन्होंने जीवन की परवाह किए बिना सेवाएं दीं, फिर भी सरकार की ओर से स्थायीत्व नहीं मिला।
कर्मचारियों की मांगों में अन्य राज्यों की तर्ज पर संविलियन, समान कार्य के लिए समान वेतन, ग्रेड पे निर्धारण, पारदर्शी कार्य मूल्यांकन, कैशलेस चिकित्सा बीमा, अवकाश की सुविधा, पारदर्शी स्थानांतरण नीति और अनुकंपा नियुक्ति शामिल हैं।
संघ की जिला अध्यक्ष (NHM protest) शिल्पी राय ने मांग की कि शिक्षा विभाग की तर्ज पर एनएचएम कर्मियों का संविलियन किया जाए और जब तक नीति नहीं बनती, तब तक नियमित भर्तियों में 50 प्रतिशत सीटें आरक्षित की जाएं।
NHM protest: अगले चरण में आंदोलन
एनएचएम कर्मचारी संघ (NHM protest) ने चेतावनी दी है कि अगर मांगें नहीं मानी गईं तो अगला चरण रायपुर में विधानसभा घेराव के रूप में होगा। उनकी प्रमुख मांगों में संविलियन व स्थायीत्व, समान कार्य के लिए समान वेतन व ग्रेड पे, कैशलेस चिकित्सा बीमा (10 लाख तक), पारदर्शी कार्य मूल्यांकन प्रणाली, पारिवारिक आधार पर स्थानांतरण नीति, अनुकंपा नियुक्ति व सवैतनिक अवकाश शामिल है।