करीब 25-30 महिलाएं प्रत्येक शनिवार को बढ़ते तापमान के दौरान भी श्रमदान कर हंस आश्रम की तलाई पर सफाई और स्वच्छता का कार्य किया। मंदिर परिसर प्रांगण के बारिश का पानी तलाई में पहुंचे, इसके लिए जल मार्ग में खड़ी अनुपयोगी घास, झाड़-झंकर को साफ किया। दूसरी और तलाई की पाल से भी खरपतवार को हटाया गया। गड्ढ़ों को भरा गया किया। सड़क व मंदिर की ओर से बारिश का पानी इस तलाई में पहुंचे इसके लिए मार्ग में जो भी अवरोध थे उनको भी दिव्यांगजन संस्थान के सदस्यों के सहयोग से साफ किया। जिसका परिणाम सामने आ रहा है कि हंस आश्रम की तलाई ताल बन गया। उसमें बारिश का पानी एकत्रित हो रहा है।पालिका प्रशासन का भी मिला सहयोगनगर पालिका की ओर से भी अमृतम-जलम अभियान में सहयोग किया गया था। अमृतम जलम अभियान में सहयोग करने वाले मनोज कुमार जोशी, शिवचरण, ताराचंद चौधरी, सूरज मीणा, सतीश कुमार चौधरी, भारत चौधरी, हिम्मत सिंह चौधरी आदि ने बताया कि सभी के सार्थक प्रयास रहे। नगर पालिका की मनरेगा योजना में लगी महिला श्रमिकों ने सरकारी कामकाज निपटने के बाद हंस आश्रम तलाई पर लगातार श्रमदान किया। मंदिर परिसर से बारिश के दौरान व्यर्थ बहने वाले जल को तलाई तक पहुंचने के मार्ग को स्वच्छ कर दिया। अब यह हंस आश्रम तलाई बारिश के पानी से लबालब होने लगी है। इसे देख हर किसी के चेहरे पर मुश्कान हैं।