क्या है गोल्डन डोम प्रोजेक्ट?
गोल्डन डोम एक अत्याधुनिक मिसाइल रक्षा प्रणाली है, जिसका उद्देश्य अमेरिका को बैलिस्टिक, हाइपरसोनिक मिसाइलों, ड्रोन और अंतरिक्ष से होने वाले हमलों से बचाना है। इसकी अनुमानित लागत 175 अरब डॉलर (लगभग 14.5 लाख करोड़ रुपये) है, और इसे 2029 तक चालू करने का लक्ष्य रखा गया है। यह प्रणाली इजरायल के आयरन डोम से प्रेरित है, लेकिन इसमें अंतरिक्ष में सैटेलाइट्स और लेजर तकनीक का उपयोग होगा। प्रोजेक्ट की जिम्मेदारी अमेरिकी स्पेस फोर्स के जनरल माइकल गुएटलीन को सौंपी गई है।
स्पेसएक्स का विकल्प क्यों?
हाल के कुछ पोस्ट्स के अनुसार, ट्रंप प्रशासन स्पेसएक्स पर अपनी निर्भरता कम करना चाहता है। इसका कारण ट्रंप और एलन मस्क के बीच बढ़ता मतभेद बताया जा रहा है। कुछ सूत्रों का दावा है कि अमेरिकी रक्षा विभाग अब अन्य कंपनियों, जैसे जेफ बेजोस की ब्लू ओरिजिन और अमेजन के प्रोजेक्ट कुइपर, के साथ सहयोग की संभावनाएं तलाश रहा है।
विवादों में गोल्डन डोम
गोल्डन डोम प्रोजेक्ट की घोषणा के बाद से ही यह विवादों में है। डेमोक्रेटिक सांसदों, विशेष रूप से सीनेटर एलिजाबेथ वॉरेन, ने आशंका जताई है कि यह प्रोजेक्ट कुछ निजी कंपनियों, खासकर मस्क से जुड़ी कंपनियों को अनुचित लाभ पहुंचा सकता है। इसके जवाब में अब ट्रंप प्रशासन अन्य विकल्पों पर विचार कर रहा है।
लागत में हो सकती है बढ़ोतरी
विशेषज्ञों का मानना है कि गोल्डन डोम प्रोजेक्ट अमेरिका की रक्षा क्षमता को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा, लेकिन इसके लिए समय और लागत के अनुमान को लेकर संशय बना हुआ है। कुछ का कहना है कि 175 अरब डॉलर का खर्च अगले दो दशकों में बढ़कर 831 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है। इसके अलावा, स्पेसएक्स जैसे प्रमुख खिलाड़ी को हटाने का निर्णय प्रोजेक्ट की प्रगति और तकनीकी विशेषज्ञता पर भी असर डाल सकता है।