भारत में पूर्ण सूर्यग्रहण क्यों नहीं (2027 Eclipse Visibility in India)
पूर्ण सूर्यग्रहण का मार्ग भारत से दूर है और 2 अगस्त 2027 का सूर्यग्रहण यूरोप, उत्तरी अफ्रीका और मध्य पूर्व के हिस्सों से होकर गुजरेगा,जैसे स्पेन, मोरक्को, ट्यूनीशिया, मिस्र, सऊदी अरब, यमन और सोमालिया। भारत इस मार्ग के बाहर रहेगा, इसलिए यहां पूर्ण ग्रहण नहीं दिखाई देगा । भारत में केवल आंशिक ग्रहण होगा (Longest Solar Eclipse Duration)
भारत में जैसे दिल्ली में मात्र
8.20%, मुंबई में
32.3% तक आंशिक ग्रहण दिखेगा। दिल्ली, मुंबई, जबलपुर, तिरुवनन्तपुरम सहित पूरे भारत में सूर्य के एक हिस्से पर चंद्रमा छाया डालेगा, लेकिन सूर्य पूरी तरह से नहीं छिपेगा,इसलिए यह आंशिक ग्रहण होगा।
क्या प्रतिशत में घटता हुआ दिखेगा ?
दिल्ली और मुंबई जैसे शहरों में, सूर्य का लगभग 16‑17% हिस्सा छिपेगा]पूरा आकाश अँधेरा नहीं होगा, केवल हल्का बदलाव दिखेगा ग्रहण इतना लंबा क्यों होगा? जानें कारण
इस दिन पृथ्वी सूर्य से अपनी सबसे दूर वाली स्थिति यानी अपहेलियन पर होगी। वहीं चंद्रमा पृथ्वी से सबसे पास होगा। ऐसे में सूर्य छोटा और चंद्रमा बड़ा दिखाई देगा, जिससे वो सूरज को ज़्यादा देर तक ढक पाएगा। इसके साथ ही यह ग्रहण भूमध्य रेखा के करीब से गुजरेगा, जिससे चंद्रमा की छाया धीमे पड़ेगी और अंधेरा लंबा टिकेगा।
कौन-कौन से देश होंगे ग्रहण की सीधी चपेट में ?
ग्रहण की शुरुआत अटलांटिक महासागर से होगी और ये छाया स्पेन, मोरक्को, ट्यूनीशिया, अल्जीरिया, लीबिया, मिस्र, सऊदी अरब, यमन और सोमालिया जैसे देशों से गुज़रेगी। यानी इन इलाकों में लोग सीधे इस नज़ारे को देख सकेंगे।
साफ आसमान देगा और भी साफ दृश्य
मिस्र और लीबिया जैसे देशों में अगस्त के महीने में मौसम साफ और सूखा रहता है। इसलिए ग्रहण देखने की संभावना और भी ज़्यादा अच्छी है। जो लोग खगोल विज्ञान में रुचि रखते हैं, उनके लिए ये एक शानदार मौका हो सकता है।
इस ग्रहण को देखने की क्यों है इतनी चर्चा?
यह सूर्यग्रहण सिर्फ़ अपनी लंबाई के कारण ही खास नहीं है, बल्कि इसके रास्ते और समय की वजह से भी यह चर्चा में है। लक्सर (मिस्र) जैसे कुछ शहरों में यह ग्रहण सबसे लंबे समय तक दिखेगा। अगर आप खगोल प्रेमी हैं, तो यह आपके जीवन की सबसे बड़ी खगोलीय घटना हो सकती है।